11-10-2023
इस पूरी दुनिया में कुल 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एकड़ जमीन है। जिस पर दुनिया भर के लगभग 8 अरब इंसान बसते है। इस 95 अरब 29 करोड़ 60 लाख एकड़ जमीन में से सिर्फ 35 एकड़ जमीन का एक ऐसा टुकड़ा है जिसके लिए बरसो से जंग लड़ी जा रही है।
7 अक्टूबर की रात जब हम सब आराम से सो रहे थे ठीक उसी वक्त हमास ने इजराइल के कई ठिकानों पर रॉकेट से हमला कर दिया। हमला भी मामूली नही, रिपोर्ट्स की माने तो हमले में हमास ने सिर्फ 20 मिनिट में कुल 5 हजार से लेकर 7 हजार तक रॉकेट दागे। जिसकी वजह से 900 से ज्यादा इजरायली मारे गए। जवाब में इजराइल ने भी फिलिस्तीन पर हमला किया जिसमे कुल 300 से ज्यादा फिलिस्तीनियो की मौत हो गई। लेकिन सवाल उठता है की आखिर इतना सब कुछ हो क्यों रहा है। क्यों इस जंग की शुरुआत हुई क्यों इतने मासूमों की जान जा रही है।
इजराइल और हमास के बीच की ये जंग कई सालो पुरानी है। इस जंग की वजह है महज 35 एकड़ की जमीन। अब इस जंग को समझने के लिए जरूरी है ये जानना की आखिर इस 35 एकड़ जमीन पर क्या है। येरूशलम में 35 एकड़ जमीन के टुकड़े पर एक ऐसी जगह है जिसका ताल्लुक एक नही दो नही तीन धर्मो से है।
इस जगह को यहूदी हर हवायत या फिर टेंपल माउंट भी कहा जाता है। वही, मुस्लिम इसे हरम अल शरीफ बुलाते है। इस जगह पर कभी फिलिस्तीन का कब्जा हुआ करता था। बाद में इजराइल ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था लेकिन अब ये पूरी जगह संयुक्त राष्ट्र के अधीन है।
लेकिन ऐसा क्या खास है इस जगह में की कई सालो से इस जगह को लेकर लड़ाइयां होती रही है।
आप सभी इस बात से वाकिफ होंगे की मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक मक्का मदीना सबसे पाक जगह मानी जाती है। तो अब ये भी जन लीजिए की मक्का मदीना के बाद मुस्लिमों के लिए हरम अल शरीफ तीसरी सबसे पाक जगह है।
कुरान में इस बात का जिक्र है की आखरी पैगंबर मोहम्मद मक्का से उड़ते हुए घोड़े पर सवार होकर हरम अल शरीफ पहुंचे थे,और वही से वो जन्नत गए थे। इसी मान्यता के मुताबिक तब येरूशलम में मौजूद उसी हरम अल शरीफ पर एक मस्जिद बनी थी। ये भी मान्यता है की ये मस्जिद ठीक उसी जगह पर बनी है जहा येरूशलम पहुंचने के बाद पैगंबर मोहम्मद ने अपने पांव रखे थे।
अल-अक्सा मस्जिद के करीब ही एक सुनहरे गुबंद वाली इमारत है जिसे डोम ऑफ द रोक कहा जाता है। इस जगह को लेकर ये मान्यता है की यहां से पैगंबर मुहम्मद जन्नत गए थे जिस वजह से अल अक्सा मस्जिद और डोम ऑफ द रोक मुसलमानों के लिए बेहद पवित्र जगह है।
वही अगर बात करे यहूदी समुदाय के दावे के बारे में तो उनकी मान्यता है की येरूशलम में 35 एकड़ की उसी जमीन पर उनका टेंपल माउंट है। ये वो जगह है जहा उनके ईश्वर ने मिट्टी रखी थी, जिससे आदम का जन्म हुआ था। ये मान्यता है की ये वही जगह है जहा अब्राहम से खुदा ने कुर्बानी मांगी थी। अब्राहम के दो बेटे थे इस्माइल और इसहाक। अब्राहम ने इसहाक को कुर्बान करने का फैसला लिया लेकिन तभी फरिश्तों ने इसहाक की जगह भेड़ को रख दिया था। जिस जगह पर ये घटना हुई उसी जगह को टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है। यहूदियों के धार्मिक ग्रंथ हिबू बाइबल में इसका जिक्र भी मिल जायेगा। बाद में इसहाक को एक बेटा हुआ जिसका नाम जैकब था। जैकब का दूसरा नाम इजराइल था।
मुस्लिम और यहूदियों की मान्यताएं इस जगह से जुड़ी है इस वजह से इस जमीन को लेकर लड़ाइयां होती रही है। वही बात करते है की तीसरा कोनसा धर्म है और उस धर्म के लिए ये जमीन क्यों खास है।
ईसाइयों की मान्यता है की ईसा मसीह ने इसी 35 एकड़ की जमीन से उपदेश दिया। इसी जमीन से वो सूली पर चढ़े और दोबारा जी उठे। और अब जब वो एक बार फिर जिंदा होकर लौटेंगे, तो भी इस जगह की एक अहम भूमिका होगी।
तीनो धर्म के लोगो के लिए ये जगह पवित्र और महत्वपूर्ण है। जिस वजह से हमेशा से लड़ाइयां होती रही है।
लेकिन सोचने वाली बात है की मान्यताएं अपनी अपनी जगह पर इन लड़ाईयो में न जाने कितने मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। खुदा के नाम पर लड़ते लड़ते खुदा के बंदे को नुकसान पहुंचाना ये भी गलत है। हम उम्मीद करते है की जल्द से जल्द ये जंग खत्म हो ताकि और बेगुनाह लोगो की जाने ना जाए और किसीको अपने परिवार से दूर न होना पड़े।
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