दिल्ली में इंडिया गेट पर पाँच दशकों से जल रही ‘अमर जवान ज्योति’ को लेकर राजनीतिक टकराव होने लगा है।
केंद्र सरकार के फ़ैसले के बाद अमर जवान ज्योति की लौ को पास ही में स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्योति के साथ मिला दिया गया।
इस फैसले ने देखते-देखते सियासी रंग ले लिया क्योंकि अमर जवान ज्योति की स्थापना कांग्रेस सरकार के समय हुई थी जबकि राष्ट्रीय समर स्मारक का निर्माण मोदी सरकार में हुआ है।
अमर जवान ज्योति दिल्ली के दिल में बसे इंडिया गेट के नीचे स्थित सबसे मशहूर जगहों में से एक है, भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध खत्म होने के बाद, शहीदों की याद में यह स्मारक बनाने का फैसला हुआ था। जगह चुनी गई इंडिया गेट। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया था।
अमर जवान ज्योति एक काले मार्बल का फलक है जिसके चारों तरफ स्वर्णाक्षरों में ‘अमर जवान’ लिखा हुआ है। इस फलक के चारों तरफ कलश रखे हुए हैं, जिनमें से एक में ज्योति 1971 से जली आ रही है। यूं तो चारों कलशों में ज्योति जलती है मगर पूरे साल भर चार में से एक ही ज्योति जलती रहती है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर चारों कलशों की ज्योति जलाई जाती है।
फलक के ऊपर एक L1A1 सेल्फ लोडिंग राइफल रखी हुई है जिस पर एक सैनिक हेलमेट भी लगाया गया हुआ है।
स्मारक पर जो ज्योति जल रही है उसके लिए पहले एलपीजी का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन 2006 के बाद इसके लिए सीएनजी का इस्तेमाल किया जाने लगा।
और अब National war memorial ki बात करें तो यह इंडिया गेट से लगभग 400 मीटर की दूरी पर बनाया गया है यह मेमोरियल 400 एकड़ में बनाया गया है। इसकी दीवारों पर अलग-अलग युद्ध में मारे गए जवानों के नाम लिखे गए हैं। यहां भी जवानों की याद में एक ज्योति जलती रहती है। नेशनल वर मेमोरियल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को किया था।
केंद्र सरकार के शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर अमर जवान ज्योति पर लिए गए फ़ैसले की पुष्टि करते हुए इसे एक उचित क़दम बताया है।
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर सफ़ाई जारी करते हुए कई ट्वीट किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि अमर जवान ज्योति को लेकर बहुत सारी ग़लत जानकारियाँ फैलाई जा रही हैं।
दिल्ली में इंडिया गेट पर पाँच दशकों से जल रही ‘अमर जवान ज्योति’ को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है. वहीं केंद्र सरकार ने विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद बताया है।
कांग्रेस ने इसे लेकर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला और इसे बीजेपी की एक साज़िश क़रार दिया.
पार्टी ने एक ट्वीट कर लिखा- “अमर जवान ज्योति को बुझाना, उन वीरों के साहस और बलिदान का अपमान है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे. वीरता के इतिहास को मिटाने की भाजपाई साजिश को कोई देशभक्त बर्दाश्त नहीं करेगा. शहीदों के अपमान का मोदी सरकार का ये रवैया बहुत घृणित है.”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर इसकी आलोचना की और साथ ही कहा कि इसे दोबारा जलाया जाएगा.
राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा- “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा.कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते. कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!”
वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अमर जवान ज्योति को बुझाना इतिहास को मिटाने जैसा है.
मनीष तिवारी ने लिखा- “अमर जवान ज्योति उन 3,483 बहादुर सैनिकों का सम्मान करती है जिन्होंने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बाँटकर बँटवारे के बाद दक्षिण एशिया का नक्शा फिर से बनाया. ये विडंबना है कि बांग्लादेश की आज़ादी के 50वें वर्ष में सरकार जी-जान से स्वाधीनता के बाद के भारतीय इतिहास के इस शानदार दौर को मिटाने में जुटी है. अमर जवान ज्योति हमारी राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा है. एक अरब लोग इसे पूजते हुए बड़े हुए हैं. भारत में दो ज्योतियाँ क्यों नहीं हो सकतीं? अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय समर स्मारक.”
मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को ‘शेखी’ बताते हुए कहा कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाना ‘अपराध से कम नहीं’।
अमर जवान ज्योति पर मचे हंगामे के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया है कि इंडिया गेट पर अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में, इंडिया गेट पर ग्रेनाइट की बनी उनकी भव्य मूर्ति प्रतिष्ठित की जाएगी. ये प्रयास उनके लिए भारत की कृतज्ञता का एक प्रतीक होगा.”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जब तक उनकी मूर्ति पूरी नहीं होती, तब तक उस जगह पर एक होलोग्राम से बनी मूर्ति रहेगी, जिसका अनावरण 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर प्रधानमंत्री करेंगे.
प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में जिस तस्वीर को पोस्ट किया है, उसमें नेताजी की मूर्ति इंडिया गेट के पास बनी एक छतरी के नीचे लगी दिखती है. इंडिया गेट पर स्थित इस छतरी के नीचे पहले कुछ नहीं था.
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