27-01-2024
कई लोगों में आदत होती है कि वे चारपाई, कुर्सी, बेड आदि उंची जगहों पर बैठकर पैर हिलाते रहते हैं और धीरे धीरे उनकी यह आदत बन जाती है। घर के बड़े बुजुर्ग ऐसा ना करने की सलाह देते हैं क्योंकि बैठे बैठे पैर हिलना, खाना खाते समय पैर हिलाना और सोते समय पैर हिलना बहुत ही अशुभ माना जाता है। अगर आपके बड़े बुजुर्ग ऐसा ना करने के लिए कह रहे हैं तो वह आपके बारे में काफी अच्छा सोचते हैं। पैर हिलाने की इस आदत से आप कई तरह की समस्याओं को निमंत्रण देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इस आदत की वजह से ना सिर्फ धन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता बल्कि शरीर में कई तरह के रोग भी जन्म ले लेते हैं। ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से पैर हिलाना अच्छा नहीं माना जाता। पैर हिलाने की आदत को लेकर ये मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। लेकिन मेडिकल साइंस में इसे ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ कहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि बैठे या लेटे हुए पैर हिलाने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब हो जाती है और उसका अशुभ प्रभाव पड़ता है। ऐसा करने से जीवन में तनाव बना रहता है और किसी भी चीज में शांति नहीं मिलती। साथ ही घर में कोई ना कोई बीमार रहता है, जिसकी वजह से बेवजह की भागदौड़ और धन खर्च होता है।
पैर हिलाना एक ऐसी आदत है जो व्यक्ति के व्यवहार के साथ साथ उसकी मानसिक स्थिति को भी दर्शाता है। ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का शिकार व्यक्ति जब पैर हिलाता है तो उस समय वह अपने काम पर फोकस नहीं कर पाता। ऐसे लोगों में एकाग्रता की कमी देखी जाती है। आरएलएस में व्यक्ति को पैरों को हिलाने की तीव्र अनियंत्रित इच्छा महसूस होती है। ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का एहसास रात में होता है और इससे व्यक्ति की नींद तक उड़ सकती है।
इसके शिकार लोग अपने काम ध्यान लगाकर नहीं कर पाते। यह अच्छी आदत नहीं। इसलिए इसे छुड़ाने के लिए धर्म का सहारा लिया गया। ऐसी मान्यता है कि पैर हिलाना अशुभ है और ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो हिंदू धर्म में किसी की भी मृत्यु पर ब्रह्मभोज कराया जाता है। इसमें दसवीं के दिन जब भोज कराया जाता है पंडित जी चारपाई पर बैठकर पैर हिलाते हैं। महाभारत काल में भी पैर हिलाने को अशुभ माना गया है। इन तमाम मान्यताओं के चलते पैर हिलाने को सही नहीं माना जाता।
जब बच्चा छोटी उम्र में ऐसा करे तो उसे बार बार टोकें, ताकि उसकी ये आदत सुधर जाए। बड़ी उम्र के लोग काउंसलिंग या सेल्फ डिसिप्लिन से इस आदत को बदल सकते हैं। कोई भी काम नामुमकिन नहीं, आज से ही शुरुआत कीजिए।
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