वाराणसी: वाराणसी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक पुजारी ने पूजा करते वक्त अपनी गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया और तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। पुजारी ने पूजा के दौरान तीन बार “मां काली दर्शन दो” कहते हुए अपनी गर्दन रेत दी। इस दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल वाराणसी बल्कि पूरे प्रदेश को सदमे में डाल दिया है।
राजघाट निवासी अमित शर्मा (40) अपनी पत्नी जूली और बेटे समीर (10) के साथ गायघाट पत्थरगली में किराए के मकान में रहते थे। वे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा कराने के साथ ही नियमित रूप से पूजा-पाठ करते थे। सोमवार दोपहर अमित ने अपने घर के आंगन में पूजा करते हुए अचानक अपनी गर्दन काट ली। घटना के समय उनकी पत्नी जूली रसोई में खाना बना रही थी।
अमित ने पूजा करते हुए “मां काली दर्शन दो” का उच्चारण किया और फिर चाकू से अपनी गर्दन काट ली। जब जूली को आवाज सुनाई दी, तो वह दौड़ते हुए आंगन में आई, जहां अमित लहूलुहान पड़े थे। उन्होंने तुरंत अमित को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की लापरवाही और जांच
अमित की मौत के बाद पुलिस को जानकारी मिली और उन्होंने शव की तलाश शुरू की। हालांकि, इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि घटना के पांच घंटे बाद इंस्पेक्टर घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने अमित के परिवार और आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन आत्महत्या के कारणों का अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चल पाया है।
पूजा और आस्था के बीच मानसिक संघर्ष
यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या किसी व्यक्ति की गहरी आस्था और पूजा-पाठ के दौरान मानसिक संघर्षों को नजरअंदाज किया जाता है? अमित शर्मा पूजा में अत्यधिक विश्वास रखते थे, लेकिन कभी भी अपने मानसिक संघर्षों का उल्लेख नहीं किया। यह संभव है कि वह अकेलेपन या अवसाद जैसे मानसिक दबाव से जूझ रहे थे, लेकिन इसका संकेत किसी ने नहीं दिया।
मानसिक स्वास्थ्य और समाज की जिम्मेदारी
अमित का यह कदम हमें यह समझने की आवश्यकता देता है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना जरूरी है। धार्मिक विश्वास और पूजा-पाठ एक व्यक्ति की जीवनशैली का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन मानसिक अवसाद और तनाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है, तो वह किसी भी समय गलत कदम उठा सकता है, भले ही वह धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हो।
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