ये तो आप सब को पता होगा कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। लेकिन, क्या आपको पता है शाहजहां ने उससे पहले भी तीन बार अपनी पत्नी को दफनाया था। वो भी अलग-अलग जगह!
मुमताज महल शाहजहां की तीसरी बीवी थी। 14वे बच्चे को जन्म देते वक्त उनकी मौत हो गई। उन्होंने शाहजहां से मरते वक्त उनके लिए खूबसूरत मकबरा बनवाने का वादा लिया था।
मरने के बाद मुमताज के शव को मध्यप्रदेश के बुरहानपुर स्थित अहुखाना में 6 महीने रखा गया था। उसके बाद मुमताज के शव को यमुना किनारे लगभग 22 सालों तक दफनाया गया।
जब ताज महल पूरा बन गया तब लाश को वहां दफनाया गया। ताजमहल को बुरहानपुर में इसलिए नहीं बनवाया गया क्योंकि वहां की मिट्टी में दीमक बहुत हैं जिससे नीचे बने लकड़ी के ढांचे लंबे वक्त तक नहीं टिक पाते।
वहीं ताजमहल आगरा में बनाने के पीछे की एक कहानी ये भी है कि महल को राजस्थान के पास बनवाना था जहां से संगमरमर मंगाए जाते थे।
आपको बता दें कि ताजमहल आगरा, भारत में यमुना नदी के दक्षिणी तट पर स्थित एक सफेद संगमरमर का मकबरा है। इसे मुगल सम्राट शाहजहाँ (शासनकाल 1628-1658) ने अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। मकबरे का निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और 1653 में मुख्य मकबरे के साथ 22 वर्षों में पूरा हुआ था। परियोजना के अन्य चरणों में 10 साल लग गए और 1664 में मकबरे के सामने मस्जिद और गेस्ट हाउस को पूरा किया गया था।
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