हफ्ता बीतने के बाद भी भाजपा वाले 3 राज्यों में मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तक साफ नहीं हो पाया है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि भाजपा ने राज्य के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान कर दिया है। अटकलें है कि रविवार तक विधायक दल की बैठक हो सकती है जिसके बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर से पर्दा उठ जाएगा।
भाजपा ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में CM चुनने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। पार्टी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान को जिम्मेदारी दी है, जबकि मनोहर लाल, के लक्ष्मण, आशा लकड़ा मध्यप्रदेश के पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम को चुना गया है। ये सभी नेता विधायकों की राय लेंगे। भाजपा रविवार तक मुख्यमंत्रियों के नामों का ऐलान कर सकती है।
Rajasthan CM की रेस में शामिल ये नाम
यदि बात करें राजस्थान की तो पार्टी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी दी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शएखावत, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, किरोड़ी लाल मीणा, सीपी जोशी सहित अन्य कुछ नेताओं का नाम लिया जा रहा है। हालाकि भारतीय जनता पार्टी इस मामले में चौंकाने वाले फैसले लेती है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे पहले वसुंधरा राजे का नाम सामने आ रहा है। राजनीतिक जानकारों का करना है कि यदि भाजपा को वसुंधरा राजे को ही सीएम बनाना था तो वे चुनाव से पहले ही उनका नाम सीएम पद के लिए घोषित कर देती, मगर इस बार का चुनाव उनके चेहरे पर नहीं बल्कि पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा गया है। लेकिन, गलियारों में ये भी चर्चाएं तेज हैं कि वसुंधरा राजे इतने आसानी से अपने पद को किसी और को सौपने वालों में से नहीं हैं।
मीडियां रिपोर्ट से ये भी कहा जा रहा है कि वसुंदरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को डिप्टी सीएम का पदभार सौंपा जा सकता है या उन्हें केंद्र में भी स्थान मिल सकता है। लेकिन, ये अनुमानों पर आधारित है।
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