मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की बढ़त मिल रही है। इस बीच सभी के मन में सवाल हैं कि जब मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार पूर्ण बहुमत से आएगी तो मुख्यमंत्री का चहरा कौन होगा। यह सवाल मुश्किल इसलिए क्योंकि शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह इन चुनावों में मेहनत की है, उससे महिला कल्याण वाली नीतियों की पॉपुलरिटी देखने को मिली है। लेकिन, कर्नाटक में बसवराज बोमई को फेस बनाकर भूल के चलते भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश में सीएम फेस इसलिए नहीं बनाया था जिससे एंटी इंकंबैंसी को खत्म किया जा सके। इस बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
एक ओर नरसिंहपुर में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और दिमनी में नरेंद्र सिंह तोमर भी इस वक्त आगे चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कैलाश विजयवर्गीय भी आगे निकल गए हैं। इस स्थिति में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि जिसे पार्टी ने सीएम का फेस नहीं बनाया था क्या पांचवी बार शिवराज को सीएम का पद प्रस्तावित करेंगी?
शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को देखते हुए लगता नहीं है कि इस बार पार्टी उन्हें फ्रंटफुट से हटा सकती है। राज्य में उन्होंने 160 से ज्यादा रैलियां की हैं। महिला वोटरों ने भी भाई और मामा को भरभर के वोट दिए हैं। इन चुनावों में हो रही बढ़त कहीं न कहीं इसका ही असर है। मुख्यमंत्री शिवराज से भी ग्वालियर में एक दिसंबर को जब यह सवाल किया गया कि जब आप पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगे? तो वे भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद कहते हुए आगे निकल गए। इसका मतलब साफ है कि अभी भी उनके नाम पर संशय बरकरार है।
नरेंद्र सिंह तोमर
सीएम के दावेदार दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी हो सकते हैं। चुनावों के शुरुआती दिनों में उन्होंने राज्य में फ्रंटफुट पर बैटिंग की थी। चुनाव की कई बड़ी जिम्मेदारियां उनके कंधों पर थी, लेकिन बेटे के कथित लेनदेन के वीडियो वायरल होने के बाद वे साइलेंट बैठ गए।
प्रह्लाद सिंह पटेल
सीएम के चहरे के लिए सबसे चर्चित नाम प्रह्लाद सिंह पटेल का माना जा रहा है। शिवराज के बाद राज्य में भाजपा के ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में से एक है। आपको बता दें कि एमपी में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। रिकार्ड रहा है कि जब-जब भाजपा चेहरा बदलती है तो उनकी दावेदारी मजबूत होती है।
वीडी शर्मा
इस बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम भी काफी चर्चाओं में है। इन संभावनाओं को बल तब मिला, जब चुनाव प्रचार के दौरान के पीएम मोदी का प्यार इन पर खूब उमड़ा था। चुनावी रैली के दौरान मंच से पीएम इनकी पीठ थपथपाते नजर आए थे। साथ ही इंदौर की रैली में पीएम मोदी के साथ रोड शो में वीडी शर्मा अकेले थे। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरी बार मौका मिला।
फग्गन सिंह कुलस्ते
फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग के सबसे बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। ये मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यदि नतीजे कुलस्ते और भाजपा के पक्ष में आते हैं तो पार्टी आदिवासी चेहरे के रूप में इन्हें भी मौका दे सकती है।
कैलाश विजयवर्गीय
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय भी सीएम पद के उम्मीदवारी के लिए काफी सुर्खियों में हैं। इंदौर-1 सीट से टिकट मिलने के बाद से ही विजयवर्गीय ने नॉनस्टॉप ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे लग रहा है कि इन्हें ही सीएम बनना है। विजयवर्गीय ने इंदौर में एक बार कहा था कि मैं भोपल में बैठकर इशारा करूंगा उससे ही आपका काम हो जाएगा। इससे पहले भी उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि मैं सिर्फ विधायक बनने नहीं आया हूं। पार्टी द्वारा मुझे कुछ और बड़ी जिम्मेदारियां मिलेगी।
हालाकि अब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का पद किसे मिलता है ये तो राजनीति संभावनाओं का खेल है। कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसलिए यहां इंतजार करना ही बेहतर है।
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