CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Friday, November 15   1:20:50

कौन है शाहजहां शेख, जो मजदूर से बन गया संदेशखाली का भाई।

24-02-2024

पश्चिम बंगाल की संदेशखाली हिंसा में मामले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। ईडी की तरफ से तीन समन जारी किए जा चुके हैं, लेकिन शाहजहां शेख पुलिस की गिरफ्त दूर बना हुआ है। उत्तरी 24 परगना के संदेशखाली ब्लॉक में टीएमसी के इस नेता के ऊपर ईडी पर हमले, महिलाओं के यौन उत्पीड़न और राशन घोटाले में शामिल होने के संगीन आरोप हैं। शाहजहां शेख के ऊपर आरोप है कि महिलाओं की सुंदरता को देखकर उनका उत्पीड़न करता था। उसने गुर्गों के दम पर अपना साम्राज्य कायम कर रखा था।

मछली पालन से की शुरुआत
शाहजहां शेख पर लगे आरोप 1990 के दशक की फिल्मों में दिखाए जाने वाले गुंडों के आतंक की याद ताजा करे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ संदेशखाली में शाहजहां शेख के भाई बनने की कहानी भी फिल्मी है। 42 साल का शाहजहां शेख राज्य में टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था। कभी एक मजदूर रहे शाहजहां शेख ने इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित करने में राजनीतिक रसूख की मदद ली। वह शुरुआत में में मछली पालन करने वाला एक वर्कर था। उसने कुछ समय तक जीविका चलाने के लिए ईंट भट्‌टे में भी काम किया।


CPM से TMC में बनाई पकड़
अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख ने मजदूरी करते हुए एक यूनियन नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 2004 में वह सीपीआई (एम) से जुड़ा। इसमें उनकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की। जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे। वह छह सालों तक अपने मामा के शार्गिदी में आगे बढ़ा। 2010 में जब राज्य की राजनीति की हवा बदली ताे शाहजहां शेख ने इसे भांप लिया और फिर वह टीएमसी नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर पार्टी में आ गया। शाहजहां शेख ने शुरुआत में TMC राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया। जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बनाया गया, तो शाहजहां शेख की ताकत और बढ़ गई।


क्षेत्र में बनाई रॉबिनहुड की छवि
इसके बाद टीएमसी के बैनर तले शाहजहां शेख ने अपनी ताकत में इजाफा किया। धीरे-धीरे संपत्ति अर्जित करके क्षेत्र में खुद की छवि एक रॉबिनहुड की बना ली। क्षेत्र में कुछ लोगों के लिए वह मसीहा बन गया तो वहीं कुछ लोगों के लिए खलनायक। यही वजह रही कि 2011 से 2024 तक महिलाएं क्षेत्र में शाहजहां शेख के आतंक को सहती रहीं, लेकिन वे बोल नहीं पाईं। पांच जनवरी को जब ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई की तो वहां की महिलाओं को लगा कि वे अब बोल सकती हैं।