ICC World Cup में अपने कमाल के खेल के चलते रचिन रविंद्र का नाम एक उभरते हुए सितारे के रूप में सामने आया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी शतकीय पारी के लिए क्रिकेट की गलियों में अपना नाम बुलंद कर दिया है। लेकिन, ये खिलाड़ी भले न्यूज़ीलैंड से खेल रहे हैं पर इनकी जड़े भारत से जुड़ी हुईं हैं। आइए जानें रचिन रविंद्र का क्या है भारत से नाता-
बात की शुरुआत करते हैं 19 के दशक से जब रचिन के पिता रवि कृष्णमूर्ति और उनकी मां दीपा कृष्णमूर्ति ने बैंगलोर से न्यूज़ीलैंड का रुख किया। 1999 में उनके घर रचिन का जन्म हुआ। उनके नाम के पीछे भी एक कहनी है।
रचिन के नाम के पीछे की कहानी
दरअसल उनके माता-पिता क्रिकेट फैन थे और उनके पिता ने अपने समय में क्लब क्रिकेट खेला था। उनकी माता राहुल द्रविड़ की फैन थी और पिता सचिन तेंडुलकर के इसलिए दोनों के नाम को जोड़कर उनका नाम Rachin Ravindra रखा गया।
रचिन को विरासत में मिला क्रिकेट
रचिन रविंद्र को क्रिकेट विरासत में मिली थी इसलिए छोटी उम्र से ही रचिन का झुकाव क्रिकेट की ओर रहा। स्कूल में भी वे 5 साल तक अपनी स्कूल टीम के मेन खिलड़ी रहे। इसके बाद 2015 में नेशनल लेवल टूर्नामेंट में रचिन ने 208 रन बनाकर 6 विकट अपने नाम किए। उनके कमाल के खेल के चलते उन्हें न्यूज़ीलैंड की U19 टीम में शमिल कर लिया गया, जहां 7 विकेट के साथ वे टीम के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए। लेकिन, बल्लेबाजी में रन बनाने में विफल रहें। जिसके बाद रचिन ने अपनी बल्लेबाजी पे काम किया और न्यूजीलैंड की फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपना लोहा मनवाया। उनके खेल को देखते हुए सिलेक्टर ने उन्हें 2020 के वेस्टइंडीज टूर में शामिल कर लिया। इसमें भी रचिन ने अपना दम दिखाते हुए 112 रन की पारी खेली।
अश्विन और जड़ेजा की गेंदबाजी का किया था सामना
2021 , कानपुर में खेले जा रहे इंडिया vs न्यूजीलैंड मैच में अश्विन और जड़ेजा की गेंदबाजी के सामने कीवी बल्लेबाज की एक ना चली। उनकी हार लगभग पक्की थी तभी, 21 साल के रचिन ने लास्ट विकेट के लिए 10 ओवर निकाल दिए जिसके बाद मैच ड्रॉ हो गया। इतनी खतरनाक गेंदबाज़ी के सामने 10 ओवर खड़े रह कर रचिन ने साबित किया कि आने वाले समय में ये खिलाड़ी कुछ बड़ा करके दिखाने वाला है।
डेब्यू मैच में किया कमाल
फिर आया वर्ल्ड कप 2023 जहां रचिन अपना वर्ल्ड कप डेब्यू कर रहें थे। उस दौरान बल्लेबाजी में उनका नंबर 6-7 वे स्थान पर आता था, लेकिन उस दिन will young के डक आउट होने के बाद रचिन को ओपनिंग के लिए भेजा गया। इस फैसले से सब काफ़ी हैरान थे, पर अपने खेल के दाम पर रचिन ने साबित कर दिया की वे आने वाले सालों में क्रिकेट में एक बड़ा नाम बन के उभरेंगे।
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