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इस देश को ‘भारत’ नाम किसने दिया? नामकरण की ऐतिहासिक यात्रा

हम अतीत में लड़े गए युद्धों का इतिहास पाते हैं और इतिहास में दर्ज उन घटनाओं के आधार पर वर्तमान में हो रहे युद्धों को भी देखते हैं! आधुनिक इतिहासकारों ने अंततः यह स्वीकार कर लिया है कि इतिहास में निरंतर शोध के माध्यम से खोजे गए नए तथ्य तथा इतिहास में परिवर्तन की आवश्यकता, कुछ विचारों या सिद्धांतों के नजरिए से लिखी गई है। इसी वजह से आज ‘इतिहास बहस है’ का नारा सर्वमान्य हो गया है और ऐसी ही एक बहस भारत के नामकरण को लेकर है।

भारत का नामकरण एक गूढ़ और बहुआयामी विषय है, जिसमें पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तत्वों का समावेश है। प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं में भारत को कई नामों से जाना गया है, जिनमें ‘जम्बूद्वीप’, ‘भारतवर्ष’, ‘आर्यावर्त’, ‘सप्तसिंधु’, ‘हिंदुस्तान’ और ‘इंडिया’ प्रमुख हैं।

जम्बूद्वीप: पौराणिक भूगोल का केंद्र

‘जम्बूद्वीप’ शब्द हिंदू, बौद्ध और जैन ग्रंथों में उल्लेखित है, जो एक विशाल द्वीप या महाद्वीप को दर्शाता है। यह द्वीप मेरु पर्वत के चारों ओर स्थित सात द्वीपों में से एक है और इसे ‘जामुन’ (जम्बु) वृक्षों की अधिकता के कारण यह नाम दिया गया। ​

भारतवर्ष: भरत के नाम पर

‘भारतवर्ष’ नाम के पीछे विभिन्न मान्यताएँ हैं। कुछ परंपराओं के अनुसार, यह नाम ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर माने जाते हैं। अन्य ग्रंथों में इसे राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत से जोड़ा गया है। ‘ऋग्वेद’ में भी ‘भरत’ नामक जनजाति का उल्लेख मिलता है, जिससे यह नाम संभवतः विकसित हुआ।​

अन्य नाम: आर्यावर्त, सप्तसिंधु और हिंदुस्तान

‘आर्यावर्त’ शब्द वैदिक साहित्य में मिलता है, जो हिमालय से विंध्याचल तक फैले क्षेत्र को दर्शाता है। ‘सप्तसिंधु’ का उल्लेख ‘ऋग्वेद’ में है, जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग को संदर्भित करता है। ‘हिंदुस्तान’ और ‘हिंद’ शब्द फारसी और अरबी परंपराओं से आए हैं, जो सिंधु नदी के नाम पर आधारित हैं।​

‘इंडिया’ और ‘इंडिका’: पश्चिमी दृष्टिकोण

‘इंडिया’ नाम ‘इंडस’ नदी से व्युत्पन्न है, जिसे यूनानी इतिहासकारों ने ‘इंडिका’ कहा। मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में भारत का वर्णन किया, जो पश्चिमी दुनिया को भारत का पहला लिखित विवरण प्रदान करता है।​

भारत के विभिन्न नाम उसकी समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाते हैं। प्रत्येक नाम एक विशेष कालखंड, परंपरा या दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है। इन नामों की विविधता में भारत की एकता और बहुलता दोनों का समावेश है।