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Friday, March 14   7:51:55
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Maharashtra Politics: जानें किसे CM देखना चाहती है जनता, किस गठबंधन को है समर्थन?

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य में गहमा गहमी तेज हो गई है। वहीं कई एजेंसियों द्वारा कई सर्वे भी किए जा रहे हैं। वहीं एक सर्वे में चौकादेने वाली रिपोर्ट सामने आई है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक सर्वेक्षण ने शिवसेना प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की टेंशन बढ़ा दी है। सर्वे में शामिल 48 फीसदी लोगों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मुख्यमंत्री का चहरा चुना है। एक मीडिया ग्रुप द्वारा कराए गए सर्वे के दौरान जब लोगों से पूछा गया कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन बनेगा तो लोगों ने गडकरी का नाम लिया।

सर्वे के दौरान जब लोगों से पूछा गया कि आप बीजेपी से किसे मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं तो 47.7 फीसदी लोगों ने नितिन गडकरी का नाम लिया। जबकि 18.8 फीसदी लोग उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। राज्य की 6.3 फीसदी जनता ने विनोद तावड़े को, पांच फीसदी ने पंकजा मुंडे को और 2.8 फीसदी ने सुधीर मुनगंटीवार को चुना है.

सिर्फ 14.5 फीसदी लोगों ने एकनाथ शिंदे को चुना

इसके अलावा सभी पार्टियों की बात करें तो 22.4 फीसदी लोग शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे को और 22.4 फीसदी लोग देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।

इस सर्वे में सबसे चौंकाने वाली बात मुख्यमंत्री शिंदे (एकनाथ शिंदे) और अजित पवार (अजित पवार) को लेकर सामने आई है। सर्वे में शिंदे को सिर्फ 14.5 फीसदी लोगों ने चुना वहीं अजित पवार को केवल 5.3  प्रतिशत लोगों ने चुना। 6.8 फीसदी लोग सुप्रिया सुले को और 4.7 फीसदी लोग नाना पटोले को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।

लोगों की पहली पसंद ‘महा विकास अघाड़ी’

वहीं जब लोगों से पूछा गया कि आपको कौन सा गठबंधन पसंद है? तो 48.7 फीसदी लोगों ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) और 33.1 फीसदी लोगों ने महायुति गठबंधन का समर्थन किया।

जबकि 4.1 फीसदी ने किसी पार्टी को नहीं चुना. इसके अलावा लोगों से पूछा गया कि MVA में जाने से किस पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है? जहां 37.1 फीसदी लोगों ने कांग्रेस का नाम लिया।

वहीं 30.8 फीसदी लोगों ने कहा कि दोनों गठबंधनों को बराबर फायदा हुआ है. जबकि 18.5 फीसदी लोगों ने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी को फायदा हुआ है. उद्धव ठाकरे की शिव सेना यूबीटी को सबसे कम 13.6 फीसदी का फायदा हुआ।