CATEGORIES

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
Wednesday, March 12   9:10:20

भारत की आजादी के बाद का पहला मतदान कौन सा था,जो बना वैश्विक इतिहास

भारत में लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान प्रक्रिया अपने अंतिम पड़ाव में है, ऐसे में क्या आप जानते है कि आजादी के बाद सबसे पहली मतदान प्रक्रिया कहां हुई थी?
लोकसभा चुनाव की जहां तक बात है,आजादी के बाद देश में पहला चुनाव 1951_ 52 में हुआ था।लेकिन इससे भी पहले एक चुनाव हुआ था,वह कौन सा था ,आप जानते है?
अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त होने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने छोटे छोटे रजवाड़ों में बंटे हिंदुस्तान को अखंड भारत बनाने की मुहिम शुरू की।सभी राजा रजवाड़े अखंड भारत में विलीन होने लगे। लेकिन हैदराबाद के निज़ाम,कश्मीर के राजा हरि सिंह और गुजरात में जूनागढ़ के नवाब भारत में जुड़ना नही चाहते थे। जुनागढ़ के नवाब ने पाकिस्तान से जुड़ने की घोषणा कर दी थी।इसकी भौगोलिक स्थिति पाकिस्तान से जुड़ने जैसी थी ही नहीं।यदि जूनागढ़ पाकिस्तान से जुड़ा तो सोमनाथ दर्शनार्थियों को पासपोर्ट वीज़ा लेना पड़ता।इस मुद्दे आरज़ी हुकूमत की।मुहिम छेड़ने वाले शामलदास गांधी,रतुभाई अदानी,और अमृतलाल सेठ ने जनजागृति का दूसरा संग्राम छेड़ दिया। आरज़ी हुकूमत ने लोगो को समझा कर 106 गांव पर अपना कब्जा कर लिया था। और आखिरकार एक वक्त के पाकिस्तान के वजीरेआजम जुल्फिकार अली भुट्टो के दादा, दीवान भुट्टो और नायब दीवान हालवे जॉन्स को 7 नवंबर 1947 को शामलदास गांधी मिलना पड़ा। 8 नवंबर 1947 के रोज़ राज्य के मुख्य मुस्लिम अग्रणियों को बुलाकर जूनागढ़ का तमाम कारभार भारत सरकार को सौंपने का तय किया गया। यह कब्जा सरकार की ओर से प्रादेशिक कमिश्नर नीलम बुच ने 9 नवंबर 1947 को अपने हाथों में लिया।
इन सब फैसलों के बावजूद जूनागढ़, सोरठ़ की जनता किसके साथ जुड़ना चाहती है,इसे जानने के लिए हुआ मतदान।
20 फरवरी 1948 को आजाद भारत का पहला मतदान हुआ।सोरठ में बैलेट पेपर के जरिए यह मतदान नेता चुनने केलिए नहीं, वरन देश चुनने के लिए हुआ।इस मतदान प्रक्रिया में जूनागढ़,मानावदर, ऊना,वेरावल, मांगरोल, बांटवा,बाबरिया सरदारगढ़,के 2,34,378 मतदाताओं ने भाग लिया। इनमें से 1,90,870 मतदाताओं ने अखंड भारत को चुना।केवल 91 मतदाताओं ने पाकिस्तान को चुना था।और इस प्रकार जूनागढ़ के नवाब को भारत में विलीन होना पड़ा था।
कहा जाता है कि मोहम्मद अली जिन्ना ने हैदराबाद, जूनागढ़,कश्मीर के शासकों को अपनी ओर खींचने के लिए साम ,दाम,दंड भेद का उपयोग किया,ताकि अखंड भारत के बीच भी पाकिस्तान का परचम लहराता रहे।कश्मीर,हैदराबाद और जूनागढ़ आज भारत का हिस्सा है तो, यह श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है,साथ ही जूनागढ़ के मामले में आरज़ी हुकूमत के उन तीन सिपहसालारों को जाता है।