ज़रा सोचिए, आप एक शांत दोपहर में बैठकर बेज बिरयानी का ऑर्डर करते हैं, और जैसे ही आप ढक्कन खोलते हैं… सामने होती है नॉनवेज बिरयानी! जी हाँ, यही हुआ मुंबई में एक ग्राहक के साथ और फिर जो हुआ, उसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
क्या था मामला?
मुंबई की एक महिला ग्राहक ने एक लोकप्रिय फूड ऐप से बेज बिरयानी मंगवाई थी। लेकिन जब डिलीवरी हुई, तो उसमें नॉनवेज निकला। मामला तब और गहरा गया जब यह सामने आया कि ग्राहक शुद्ध शाकाहारी थी, और धार्मिक कारणों से उसे नॉनवेज खाना पूरी तरह वर्जित था।
लापरवाही या लापरवाही से ज्यादा?
फूड डिलीवरी कंपनियाँ आज हमारे खाने का सबसे बड़ा जरिया बन चुकी हैं। लेकिन क्या वे इतनी बड़ी जिम्मेदारी को समझ रही हैं? ग्राहक ने जब शिकायत दर्ज की, तो सिर्फ कूपन और माफ़ी से बात टालने की कोशिश की गई। इसके बाद उसने सीधे रेस्टोरेंट और फूड ऐप दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
सवाल उठते हैं:
क्या सिर्फ एक “गलत डब्बा” भेजना इतना छोटा मामला है?
अगर कोई एलर्जिक होता या उसकी धार्मिक भावना को गहरा आघात होता, तब कौन जिम्मेदार होता?
क्या अब हमें हर ऑर्डर खोलने से पहले दुआ करनी चाहिए कि अंदर सही खाना निकले?
रेस्टोरेंट पर कार्रवाई सूत्रों के अनुसार, संबंधित रेस्टोरेंट को अस्थाई रूप से सील कर दिया गया है और जाँच जारी है। जोनल फूड इंस्पेक्टर और रेस्टोरेंट एसोसिएशन भी इस मामले में बयान दे चुके हैं कि ग्राहक की आस्था का उल्लंघन हुआ है।
“भूख तो सबको लगती है… पर विश्वास टूट जाए, तो कोई स्वाद नहीं बचता “ये सिर्फ खाने का मामला नहीं, आस्था और जिम्मेदारी का सवाल है। अब समय आ गया है कि फूड डिलीवरी सिर्फ ‘सर्व’ नहीं करे, बल्कि ‘सम्मान’ भी करे।”

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