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नए आपराधिक कानूनों में क्या है खास? आसान भाषा में समझिए 8 बड़ी बातें

New Criminal Laws : भारत में ब्रिटिश कानूनों की जगह अब नए कानूनों ने जगह ले ली है। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता व दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह नए भारतीय साक्ष्य अधिनियम आ गए हैं। इन नए कानून लागू होने के बाद आम लोगों को पुलिस की पहुंच आसान हो गई है। पूरा सिस्टम ऑनलाइन हो गया है। लेकिन, इसमें सब से बड़ी बात समझने वाली ये हैं कि इसका हमारे जीवन में क्या प्रभाव पड़ेगा। तो चलिए आसान भाषा में हम आपकों इन कानूनों के बारे में बताते हैं।

1.  नये कानूनों के तहत अब एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित हो गई है। इसमें ‘जीरो FIR ’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, ‘MSS’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे।

2. इसके अलावा नए कानून में महिलाओं, 15 साल की आयु से कम उम्र के लोगों, 60 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों और दिव्यांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी गई है। वे अपने निवास स्थान पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं। नये कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा तथा पुलिस किसी भी मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई कर पाएगी।

3. नये कानूनों में न्याय को लेकर तेजी दिखाई गई है। इसके अंतर्गत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी।

4. इन कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है।

5. नये कानूनों के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले।

6. नये कानून में जुड़ा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा।

7. नये कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है जिससे गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए।

8. नये कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

इन नए कानून को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 15 अगस्त तक केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इससे अपराध में भी 90 फीसदी तक रोक लग सकेगी क्योंकि बार-बार अपराध करने वालों पर ज्यादा सजा का प्रावधान किया गया है।