CATEGORIES

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
Wednesday, October 23   11:29:30
Cyclone Dana

साइक्लोन डाना क्या है? किस देश से मिला साइक्लोन का यह नाम!

साइक्लोन डाना एक गंभीर चक्रवाती तूफान है, जो पूर्वी भारतीय तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह 24 अक्टूबर की देर रात उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तट से टकराने की संभावना है। इस चक्रवात से होने वाले प्रभावों को देखते हुए दोनों राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

साइक्लोन डाना का नाम कतर ने दिया है, जो विश्व मौसम संगठन (WMO) की उष्णकटिबंधीय चक्रवात नामकरण प्रणाली के अंतर्गत आता है। चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय देशों द्वारा सुझाए जाते हैं, और इसका उद्देश्य संवाद को आसान बनाना है जिससे लोग सतर्क रहें और चक्रवात के प्रभाव को सही ढंग से समझ सकें।

चक्रवात डाना की रफ्तार

चक्रवात डाना की गति 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है, जिससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही की संभावना है। तेज़ हवाओं के साथ-साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। झारखंड और बंगाल के कई हिस्सों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।

कब देगा दस्तक?

साइक्लोन डाना 24 अक्टूबर, गुरुवार की देर रात को उड़ीसा के तट पर लैंडफॉल करेगा। इस समयावधि में उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं का सामना करना पड़ेगा।

संभावित हानि और तैयारियां:

  • तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं से जान-माल का नुकसान होने की संभावना है।
  • पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में 20 से 26 अक्टूबर तक कई जिलों में स्कूल बंद रखे गए हैं और लगभग 197 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
  • सरकार ने संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

सावधानी और सुरक्षा

स्थानीय प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी कर दिया है और सभी को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

साइक्लोन डाना पूर्वी भारत के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है। चक्रवात के कारण भारी बारिश, तेज हवाएं और बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। सरकार और प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं। इस समय सभी को सुरक्षित रहने और मौसम विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।