CATEGORIES

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
Sunday, October 6   9:31:36
parliament1

क्या होता है संसद का विशेष सत्र, जिस पर सोनिया गांधी ने उठाए सवाल?

केंद्र सरकार की ओर से 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र से पहले ही कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया है। इस सत्र को लेकर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सवाल उठाए थे कि आखिर विपक्ष से बिना किसी चर्चा के विशेष सत्र का एलान क्यों किया गया। इसपर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब दिया है।

प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नहीं है वहां अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास कर रही हैं। जैसा कि आपको विदित है, अनुच्छेद 85 के तहत संवैधानिक जनादेश का पालन करते हुए संसद सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत ही संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है।

संसद सत्र बुलाने का नियम

संसद का सत्र बुलाने की शक्ति केवल केंद्र सरकार के पास होती है। संसद सत्र बुलाने का फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति लेती है। इसके बाद राष्ट्रपति के द्वारा कैबिनेट के प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी दी जाती है, फिर ही संसद का सत्र बुलाया जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 85 (1) के अनुसार राष्ट्रपति जब भी उचित समझें संसद के किसी भी सदन को बैठक के लिए बुला सकते हैं। लेकिन, संसद के दो सत्रों के बीच में छह महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए।

साल में कितने बार किया जाता है सत्र का आयोजन

भारत में इसके लिए कोई तय कैलेंडर नहीं है। आमतौर पर संसद की बैठक एक साल में तीन सत्रों के लिए होती है। संसद का पहला सत्र बजट सत्र होता है। जो सबसे ज्यादा वक्त तक चलता है। यह जनवरी से प्रारंभ होता है और अप्रैल के आखिर तक चलता है। दूसरा सत्र मानसून सत्र होता है। यह तीन हफ्तों तक चलता है। यह जुलाई में शुरू होकर अगस्त में खत्म हो जाता है। संसदीय वर्ष का समापन शीतकालीन सत्र से होता है। यह सत्र भी तीन हफ्तों तक चलता है। शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू होकर दिसंबर में खत्म हो जाता है। संसद के इन तीन सत्र के अलावा बुलाये जाने वाले सत्र को विशेष सत्र करते हैं। इस परिस्थिति में सरकार सदन के प्रत्येक सदस्य को तारीख और जगह का निर्णय करती है।