हाल ही में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के आठ दिन बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच की कमान संभाल ली है, जबकि भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने युद्धपोतों को हाई अलर्ट पर रखा है। साथ ही, भारत ने समुद्री सीमाओं पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए एंटी शिप और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का सफल परीक्षण भी किया है।
पहलगाम हमले की जांच: आतंकियों की साजिश का खुलासा
NIA प्रमुख सदानंद दाते गुरुवार को पहलगाम पहुंचे। उन्होंने मौके का निरीक्षण किया, जहां आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। NIA की टीम हमले की 3डी मैपिंग कर रही है ताकि आतंकियों की मूवमेंट और प्लानिंग का विश्लेषण किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमला करने से पहले चार अहम स्थानों की रेकी की थी –बैसरन ,अरु वैली, बेताब वैली और स्थानीय एम्यूजमेंट पार्क। यह दर्शाता है कि हमला पूरी तरह पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध था।
भारतीय नौसेना की ताकतवर तैयारी: अरब सागर में मिसाइल परीक्षण
27 अप्रैल को भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने जंगी जहाजों से अत्याधुनिक मिसाइलों का परीक्षण किया। इसमें एंटी शिप और एंटी एयरक्राफ्ट फायरिंग अभ्यास शामिल था। साथ ही गुजरात तट के पास भारतीय कोस्ट गार्ड की विशेष तैनाती की गई है।
यह न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि इससे पड़ोसी देशों को यह स्पष्ट संदेश भी जाता है कि भारत किसी भी प्रकार की उकसावे की स्थिति में चुप नहीं बैठेगा।
पाकिस्तान की चालबाजियाँ और अमेरिका की कूटनीतिक हलचल
हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी सीमा चौकियों पर फिर से झंडे फहरा दिए हैं। एक दिन पहले ही उसने इन्हें हटा लिया था। यह हरकत साफ तौर पर दिखाती है कि पाकिस्तान में भी बेचैनी है।
इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से भारत पर दबाव बनाने की अपील की है। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से कहा कि भारत का रवैया “उकसाने वाला” है और इससे क्षेत्रीय शांति प्रभावित हो सकती है।
हालांकि, अमेरिका ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और कहा –
“आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है अमेरिका।”
क्या बदल रहा है दक्षिण एशिया का सुरक्षा परिदृश्य?
भारत जिस तरह से सीमा से लेकर समंदर तक हर मोर्चे पर सक्रिय हो गया है, वह दिखाता है कि अब कोई भी आतंकी हमला सिर्फ एक घटना नहीं मानी जाएगी। इसके पीछे छिपे अंतरराष्ट्रीय समीकरण, रणनीतिक तैयारी और जवाबी रणनीति पर भारत की नजर है।
पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार, और अमेरिका की कूटनीतिक सक्रियता इस बात का संकेत हैं कि आने वाले दिनों में भारत-पाक रिश्तों में तनाव और बढ़ सकता है।
भारत तैयार है – सिर्फ जवाब देने को नहीं, बल्कि बचाव से पहले वार करने को भी
भारतीय नौसेना और एजेंसियों की हालिया गतिविधियाँ यह साफ दर्शाती हैं कि देश अब किसी भी हमले या साजिश का मजबूत जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। न सिर्फ ज़मीनी स्तर पर, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी भारत की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है।

More Stories
जाति जनगणना ; सामाजिक क्रांति या नया विवाद? जानिए देश पर इसका क्या असर होगा
शहीद की पत्नी की पुकार; नफ़रत नहीं, इंसाफ चाहिए ……. पहलगाम हमले में शहीद नरवाल की पत्नी का पहला बड़ा बयान
कला, तकनीक और युवा शक्ति का संगम….. ”WAVES 2025” में गूंजी भारत की आवाज़, पीएम मोदी ने खोला वैश्विक क्रिएटिविटी का द्वार