CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Wednesday, April 2   3:52:30

वक्फ संशोधन बिल पर कल लोकसभा में होगा मंथन ; सियासी घमासान तय!

नई दिल्ली | लोकसभा में 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाएगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर 8 घंटे चर्चा का समय तय किया है, जबकि विपक्ष ने चर्चा के लिए 12 घंटे की मांग की है।

समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह इस बिल का विरोध करेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कदम को “समय की मांग” करार दिया और सवाल उठाया कि क्या वक्फ बोर्ड ने वास्तव में लोगों के कल्याण के लिए कोई ठोस काम किया है?

संसद में सियासी संग्राम: कौन कहां खड़ा है?

पिछले 12 दिनों में क्या हुआ?

  • 27 मार्च: इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 लोकसभा में पारित हुआ। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ को रोकने के लिए यह जरूरी था।

  • 26 मार्च: राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है।

  • 25 मार्च: नए आयकर बिल पर चर्चा मानसून सत्र में होगी, जिसमें पुराने 819 प्रावधान घटकर 536 रह जाएंगे।

  • 24 मार्च: भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया, सदन में पोस्टरबाजी हुई।

  • 21 मार्च: अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में आतंकवाद और नक्सलवाद 70% घटा है।

  • 20 मार्च: DMK सांसदों ने परिसीमन के विरोध में टी-शर्ट पहनकर संसद में प्रदर्शन किया।

  • 19 मार्च: सरकार ने कहा कि आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति लागू है।

  • 18 मार्च: पीएम मोदी ने महाकुंभ पर बयान दिया, राहुल गांधी ने समर्थन किया।

  • 17 मार्च: डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा को लेकर हंगामा।

  • 12 मार्च: भारत-पाक सीमा पर एनर्जी प्रोजेक्ट के खिलाफ कांग्रेस का विरोध।

  • 11 मार्च: मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘ठोकेंगे’ बयान पर हंगामा, बाद में उन्होंने सफाई दी।

  • 10 मार्च: ट्राई-लैंग्वेज पॉलिसी पर DMK और केंद्र सरकार के बीच तीखी बहस।

क्या वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत है?

वक्फ संपत्तियों को लेकर समय-समय पर विवाद होते रहे हैं। कई जगहों पर वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे, गलत इस्तेमाल, और पारदर्शिता की कमी की शिकायतें आती रही हैं। योगी आदित्यनाथ के बयान के पीछे भी यही सवाल है—क्या वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल हो रहा है?

हालांकि, विपक्ष का तर्क है कि यह मुस्लिम समाज के अधिकारों को सीमित करने का प्रयास हो सकता है। अखिलेश यादव का विरोध यही संकेत देता है कि इस बिल को लेकर आगे सियासी तूफान आ सकता है।

वक्फ संपत्तियों का सही और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। यह भी सच है कि कई मामलों में वक्फ बोर्ड के कामकाज को लेकर सवाल उठे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह संशोधन समाज के हितों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है या किसी खास राजनीतिक एजेंडे के तहत? अगर इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी बनाना है, तो इस पर स्वस्थ बहस होनी चाहिए। वहीं, अगर यह किसी खास समुदाय को निशाना बनाने का प्रयास है, तो यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ होगा।

अब देखने वाली बात यह होगी कि कल संसद में इस बिल को लेकर किस तरह की बहस होती है और क्या विपक्ष सरकार को घेरने में कामयाब होगा?