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Assembly Election Exit Poll 2024

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नतीजों का इंतजार, जानें क्या कहता है सट्टा बाजार

Assembly Election Exit Poll 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान प्रक्रिया खत्म हो चुकी है, और अब सभी की निगाहें 23 नवंबर के चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल और सट्टा बाजार के आंकड़े चुनावी तस्वीर साफ करने की कोशिश कर रहे हैं।

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 145 है। इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट और एनसीपी-अजित पवार गुट) और महाविकास अघाड़ी (शिवसेना-उद्धव गुट, एनसीपी-शरद पवार गुट और कांग्रेस) के बीच है।

एग्जिट पोल में किसकी बढ़त?

अगर बात करें एग्जिट पोल की तो उसके मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन बहुमत के करीब नजर आ रहा है।

  • भाजपा: 90-95 सीटें
  • शिवसेना (शिंदे गुट): 36-40 सीटें
  • एनसीपी (अजित पवार गुट): 12-16 सीटें

इस तरह महायुति गठबंधन को 142-151 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है, जिससे सरकार बनाना आसान दिख रहा है।

सट्टा बाजार का अनुमान

सट्टा बाजार, जो चुनावी परिणामों को लेकर अपने अनुमानों के लिए कुख्यात है, इस बार भी सुर्खियों में है। इन आंकड़ों पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ रही है। राज्य में बीजेपी को अकेले ही 90 से 95 सीटें मिल सकती है।

फलौदी सट्टा बाजार

  • भाजपा को 90-95 सीटें
  • शिवसेना (शिंदे गुट) को 36-40 सीटें
  • एनसीपी (अजित पवार गुट) को 12-16 सीटें
  • महायुति गठबंधन कुल मिलाकर 142-151 सीटें जीत सकता है।

बीकानेर और महादेव ऑनलाइन सट्टा बाजार

  • महायुति गठबंधन को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है।
  • महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीटों का अंतर कम हो सकता है।
  • निर्दलीय और छोटी पार्टियों का भी असर रहेगा।

महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी: कांटे की टक्कर?

हालांकि महायुति को एग्जिट पोल और सट्टा बाजार में बढ़त दिखाई गई है, लेकिन महाविकास अघाड़ी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
महाविकास अघाड़ी का दावा है कि मतगणना के दिन आंकड़े पलट सकते हैं।

निर्दलीय और छोटी पार्टियों का महत्व

निर्दलीय उम्मीदवार और छोटी पार्टियां इस बार भी निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। वे दोनों गठबंधनों के बीच सत्ता संतुलन को प्रभावित करने में सक्षम हैं।

महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास को देखते हुए गठबंधन की राजनीति यहां आम है। यदि महायुति बहुमत हासिल करती है, तो मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के दावेदार का नाम प्रमुख होगा। दूसरी ओर, महाविकास अघाड़ी यदि किसी तरह से बढ़त बनाती है, तो शिवसेना-उद्धव गुट और कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर बातचीत होगी।

राजनीतिक समीकरण चाहे जैसे भी हों, 23 नवंबर को तस्वीर साफ हो जाएगी। क्या एग्जिट पोल और सट्टा बाजार सही साबित होंगे, या नतीजों में कोई बड़ा उलटफेर होगा? यह देखना दिलचस्प होगा। महाराष्ट्र चुनाव के इस नतीजे पर आपकी क्या राय है? क्या महायुति सत्ता में आएगी, या महाविकास अघाड़ी कोई चमत्कार करेगी? अपनी राय कमेंट में शेयर करें!