गुजरात में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया में एक उच्च अधिकारी की नंबर प्लेट लगी कार को पुलिस ने शक के आधार पर रोका। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि आरोपी जील भरतभाई पंचमातिया खुद को सरकारी अधिकारी बताकर ठगी कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और रिमांड के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
सरकारी अधिकारी बनकर करता था फर्जीवाड़ा
आरोपी जील पंचमातिया ने खुद को सरकारी अधिकारी बताने के लिए फर्जी नंबर प्लेट, पहचान पत्र (आईडी कार्ड), लेटरहेड और अन्य दस्तावेज तैयार कर रखे थे। वह खुद को एडिशनल कलेक्टर और एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) बताकर लोगों को धोखा देता था।
खंभालिया में उसकी कार (GJ 03 KP 9113) पर “एडिशनल कलेक्टर एंड ADM (प्रोबेशन)” की प्लेट लगी हुई थी। इसके अलावा, कार के पीछे “RSC एंड ADM (प्रोबेशन)” की प्लेट और लाल रंग का स्टिकर भी था। जब पुलिस ने जांच की तो यह सामने आया कि उसके पास किसी भी सरकारी पद का कोई प्रमाण नहीं था।
मेडिकल में एडमिशन और नौकरी दिलाने के नाम पर 48 लाख की ठगी
देवभूमि द्वारका पुलिस के अनुसार, जील पंचमातिया ने राजकोट में रहने वाले एक परिवार को झांसे में लेकर करीब 48 लाख रुपये ठग लिए।
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जूनागढ़ निवासी केतन देसाई ने शिकायत दर्ज करवाई कि आरोपी ने उनके बेटे शिवराज से संपर्क किया।
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दिसंबर 2023 में आरोपी शिवराज के घर आया और खुद को एम.पी. शाह मेडिकल कॉलेज का एडिशनल डीन बताया।
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उसने कहा कि वह MBBS में एडमिशन दिला सकता है और इसके लिए पहले 55,000 रुपये लिए।
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इसके बाद, 27 दिसंबर को मेडिकल बांड के नाम पर 9.5 लाख रुपये और किश्तों में लाखों रुपये ऐंठ लिए।
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इतना ही नहीं, केतन देसाई की बेटी केशा को मामलतदार कार्यालय (राजस्व विभाग) में नौकरी दिलाने के नाम पर 9 लाख रुपये लिए।
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कुल मिलाकर, आरोपी ने 48,22,980 रुपये की ठगी की।
रिमांड के दौरान और खुलासे
पुलिस ने जब आरोपी के घर की तलाशी ली तो वहां से कई फर्जी दस्तावेज और हथियार बरामद हुए।
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दो फर्जी आईडी कार्ड मिले, जिनमें एक में उसे “भारत सरकार, हेल्थ एंड मेडिसिन डिपार्टमेंट का सुपरिटेंडेंट” बताया गया था।
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दूसरे आईडी कार्ड पर “भारत सरकार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय” से जुड़ी फर्जी ई-मेल आईडी भी दर्ज थी।
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घर से दो फर्जी अथॉरिटी लेटर भी बरामद हुए, जिनमें लिखा था कि उसकी कार (GJ 37 M 2816) का आपातकालीन स्थिति में उपयोग किया जा सकता है। इन लेटरों में अशोक स्तंभ की मुहर और आरोपी के हस्ताक्षर भी थे।
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एक पिस्तौल, सात कारतूस और पुलिस विभाग से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए।
अब पुलिस ने जील पंचमातिया के खिलाफ आर्म्स एक्ट और धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में कुल 8 FIR दर्ज हो चुकी हैं और पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है।
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