क्या आपने कभी “किराए की बीवियां” के बारे में सुना है? यह सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन थाईलैंड में यह एक तेजी से बढ़ता हुआ चलन बन गया है। इसे “रेंटल वाइफ” कहा जाता है। यह एक अस्थायी व्यवस्था है, जहां महिलाएं विदेशी पर्यटकों की साथी बनती हैं और उन्हें बीवी जैसी सेवाएं देती हैं।
क्या है रेंटल वाइफ?
थाईलैंड के शहर पटाया में यह प्रथा सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। महिलाएं, जो अक्सर ग्रामीण और गरीब परिवारों से आती हैं, पर्यटकों के साथ कुछ समय बिताने के लिए “किराए की बीवी” बनती हैं। वह घरेलू सेवाओं से लेकर साथी बनने तक की भूमिका निभाती हैं। यह किसी औपचारिक शादी की तरह नहीं होता, बल्कि एक अस्थायी अनुबंध होता है, जो कुछ दिनों से लेकर महीनों तक चल सकता है।
क्यों बढ़ रहा है यह चलन?
- आर्थिक जरूरतें: गरीब महिलाएं इस काम से पैसे कमाकर अपने परिवार की मदद करती हैं। कई युवा, जिन्हें अच्छी नौकरी नहीं मिलती, इस बिजनेस को आय का जरिया बना रहे हैं।
- पर्यटन का असर: थाईलैंड में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। अकेले आए पर्यटक एक स्थानीय साथी चाहते हैं, जो उन्हें शहर घुमाने और अनुभव साझा करने में मदद करें।
- संस्कृति का प्रभाव: थाईलैंड में लोग रिश्तों को लेकर खुले विचार रखते हैं। यहां इस तरह की सेवाओं को सामाजिक तौर पर ज्यादा नकारा नहीं जाता।
कैसे होती है यह व्यवस्था?
थाईलैंड में ये व्यवस्था आपको अधिक्तर बार या नाइट क्लबों में देखने मिल सकती है। पर्यटक वहीं पर ही उनसे संपर्क करते हैं। यदि दोनों पक्षों की आपसी सहमती है तो उनके बीच एक अनुबंध होता है, जिसमें वक्त और कीमत का फैसला किया जाता है।
कितना होता है किराया?
- यह महिलाओं की सुंदरता, उम्र और शिक्षा पर निर्भर करता है।
- किराया $1,600 से $116,000 (लगभग ₹1.3 लाख से ₹96 लाख) तक हो सकता है।
- कुछ मामलों में, अगर रिश्ता गहराता है, तो महिलाएं अपने ग्राहकों से शादी भी कर लेती हैं।
क्या यह कानूनी है?
अब आप सोच रहे होंगे की क्या थाईलैंड की कानून व्यवस्था इस प्रकार के कार्यों की मंजूबरी देती है। तो हम आपको बता दें कि थाईलैंड में इसे लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है। यह प्रथा वेश्यावृत्ति से मिलती-जुलती मानी जाती है, लेकिन इसे एक अलग नाम दे दिया गया है। थाईलैंड में इन रेंटल वाईफ को ब्लैक पर्ल के नाम से जाना जाता है।
क्या यह सही है?
थाईलैंड में रेंटल वाईफ का काम सही या कहा जाए या गलत इस पर भी दोनों पक्षों की ओर से देखा जा सकता है। यदि पॉजिटीव वे में देखा जाए तो यह महिलाओं को आर्थिक आजादी और आत्मनिर्भरता देता है। और यदि नेगेटिव वे में देखा जाए तो यह गरीबी और मजबूरी का गलत फायदा उठाने जैसा है।
थाईलैंड का पर्यटन उद्योग इसे बड़े बिजनेस के रूप में देख रहा है। हालांकि, इस पर सामाजिक और नैतिक सवाल उठ रहे हैं। “किराए की बीवी” की प्रथा जहां एक ओर आर्थिक लाभ देती है, वहीं दूसरी ओर यह सामाजिक विवादों को जन्म देती है। इसे समझने और सुधारने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
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