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Vadodara’s Festive Spirit: Traditional और Modern Festivals के आगमन से झगमगाता है Vadodara

भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है उसके त्यौहार। इस देश में आपको हर प्रकार के त्यौहार मिलेंगे। और तो और इस देश के लोग भी आपको हर तरह के त्यौहार मनाते हुए दिखेंगे। भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में दिवाली, नवरात्री, मकरसंक्रान्ति, गणेश चतुर्थी, महाशिवरात्रि जैसे त्यौहार आते हैं।

भारत के गुजरात में स्थित ‘वड़ोदरा’ को संस्कारी नगरी कहा जाता है। लेकिन जिस मौज मस्ती से यहाँ के लोग त्यौहार मनाते हैं, इसे त्योहारों की नगरी भी कहा जा सकता है। वड़ोदरा गुजरात में स्थित होने के कारण यहाँ का मुख्य त्यौहार नवरात्री है। और वैसे भी वड़ोदरा की नवरात्री तो अंतर्राष्ट्रीय तौर पर मशहूर है। सिर्फ नवरात्री ही नहीं, सिर्फ हिन्दू त्यौहार ही नहीं बल्कि यहाँ के लोग तो दूसरे धर्मों के त्यौहार भी हसी ख़ुशी मानते हैं।

इस लेख में आज हम वड़ोदरा के सबसे मशहूर और सबसे ज़्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में पढ़ेंगे।

  1. नवरात्री
    वड़ोदरा के मशहूर गरबा गायक अतुल पुरोहित के यूनाइटेड वे के गरबों के बारे में तो सबने सुना ही है। यह वड़ोदरा का सबसे बड़ा त्यौहार है। हज़ारों की तादाद में लोग यहाँ गरबा खेलने जाते हैं। कई बार तो विदेशी भी यहाँ गरबा खेलने आते हैं। वड़ोदरा के सबसे मशहूर गरबा यूनाइटेड वे, लक्ष्मी विलास पैलेस हेरिटेज गरबा, परंपरा, शिशु, और नवलखी के हैं।
  2. क्रिसमस
    क्रिसमस एक ईसाई त्यौहार है। लेकिन वड़ोदरा में भी यह धूम धाम से मनाया जाता है। चर्च में तरह तरह के प्रोग्राम होते हैं। माल्स और शॉपिंग सेंटर्स को सजाया जाता है। और तो और स्कूलों-कॉलेजों में भी इवेंट्स रखे जाते हैं। क्रिसमस ईव के लिए रेस्टोरेंट, क्लबों में तो प्रीबुकिंग करनी पड़ती है।
  3. दिवाली
    भारत का मुख्य त्यौहार है दिवाली। वड़ोदरा में हमें दिवाली के दिनों में हर जगह रौनक दिखाई देती है। जगह-जगह लाइटों, दीपों और लालटेन से सजी इमारतें और घर देखने को मिलते है। रात होते ही बच्चे-बड़े सब मिलकर पटाखें फोड़ना शुरू कर देते हैं। सोने-चांदी की दुकानों में लक्ष्मी पूजन और धनतेरस के दिन भीड़ देखने को मिलती है।
  4. शिवरात्रि
    शिवजी का यह त्यौहार शिवरात्रि वड़ोदरा में धूम धाम से मनाया जाता है। ब्रह्मुहुर्त में मंदिरों में निर्वाण शतकम के पाठ सुनाई पड़ते हैं। साथ ही साथ सुबह और दोपहर को हर छोटे-बड़े मंदिरों में अभिषेक किया जाता है। कहीं शिव-पारवती के विवाह की कहानियां सुनाई जाती है तो कहीं शिवजी की अन्य कहानियां सुनाई जाती है। लेकिन उस दिन पूरा वड़ोदरा धार्मिक तथा शांत माहौल में डूब चूका होता है।
  5. गणेश चतुर्थी
    जिस तरह से यह त्यौहार मनाया जाता है, मानो यही वड़ोदरा का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार हो। हर जगह, हर गली में आपको गणपति आगमन के स्वर सुनाई देंगे। चारों ओर बस गणपतिजी के आगमन और स्थापना के पोस्टर, बैनर देखने को मिलते हैं।
  6. न्यू ईयर
    क्रिसमस के बस 5 दिन बाद यह ईसाईयों का त्यौहार उनके लिए सबसे बड़ा त्यौहार है। लेकिन आजकल सब लोग इसे मनाते हैं। क्लब, रेस्टोरेंट, होटल, सब पहले से ही भरे हुए मिलते हैं। और तो और कुछ-कुछ जगहों पर छोटे मोटे कार्यक्रम भी होते रहते हैं।
  7. उत्तरायण
    गुजरात की खासियत है यह उत्तरायण का त्यौहार। वड़ोदरा के साथ-साथ अहमदाबाद में भी इसे लोग ख़ुशी से मानते हैं। हम देखते हैं की सुबह 9 बजे से लोग अपने अपने घरों की छतों पर जाकर पतंग उड़ाना शुरू कर देते हैं। उस दिन आसमान रंगीन लगने लगता है। हर तरफ से चिक्की, मुरमुरे के लड्डू और तिल के लड्डुओं की खुशबु आने लगती है। इसी के साथ उंधियू, पूरी और जलेबी खाने के लिए लोग तरसते हैं। एक तरह से परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए भी यह त्यौहार मनाया जाता है।

इनके अलावा वड़ोदरा में जन्माष्टमी, वसंत पंचमी, राम नवमी, राधा अष्टमी, ईद, होली, आदि त्यौहार मनाए जाते हैं। इसलिए वड़ोदरा को संस्कारी नगरी कहा जाता है।