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digital arrest

वड़ोदरा की महिला ऐसे बनी डिजिटल अरेस्ट का शिकार, लाइव वीडियो आया सामने!

हाल के दिनों में “डिजिटल अरेस्ट” एक नया साइबर अपराध बनकर उभरा है, जिसमें अपराधी पीड़ित को मानसिक दबाव में रखकर ठगी करते हैं।iगुजरात के वड़ोदरा की एक शिक्षिका रीना ढ़ेकाने इसी डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनीं, जहां उन्हें चार घंटे तक घर में बंधक बनाकर उनसे 1 लाख रुपये ठगे गए। इस घटना का लाइव वीडियो सामने आने के बाद मामले ने और भी सनसनी फैला दी है।

कैसे हुआ डिजिटल अरेस्ट?

रीना ढ़ेकाने, वड़ोदरा की एक शिक्षिका, को अचानक कुछ अज्ञात लोगों का फोन आया जिन्होंने खुद को पुलिस और सीबीआई से जुड़ा बताया। उन्होंने रीना को बताया कि उनके पति किसी गंभीर अपराध में शामिल हैं और यदि उन्होंने उनके निर्देशों का पालन नहीं किया, तो उनके पति को गोली मार दी जाएगी। इस धमकी से घबराई रीना को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उन्हें चार घंटे तक अपने ही घर में बंधक जैसी स्थिति में रखा गया।

पैसों की मांग और टॉर्चर

अपराधियों ने रीना से लगातार पैसे की मांग की और उन्हें मानसिक दबाव में रखा। जब रीना ने विनती की, तब भी जालसाजों ने उनकी एक न सुनी। उन्होंने यह कहकर डराया कि अगर रीना ने पैसे नहीं दिए, तो उनके पति को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अंततः, उन्हें 1 लाख रुपये ट्रांसफर करने पर मजबूर कर दिया गया। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिससे इस घिनौने साइबर अपराध की हकीकत सबके सामने आई।

डिजिटल अरेस्ट: साइबर क्राइम का नया चेहरा

डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम का नया रूप बन चुका है, जिसमें अपराधी पीड़ित को उनके घर में मानसिक रूप से बंधक बनाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। इस तरह के अपराध में लोग अपने व्यक्तिगत डेटा या बैंक अकाउंट की जानकारी साझा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। रीना का मामला इसका एक स्पष्ट उदाहरण है।

साइबर सुरक्षा का महत्व

यह घटना यह बताती है कि साइबर अपराध किस हद तक बढ़ चुका है और लोग किस तरह से मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे मामलों में लोगों को सजग रहना चाहिए और किसी भी अज्ञात कॉल या मैसेज का जवाब देने से पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए। साइबर सुरक्षा जागरूकता आज के दौर में बेहद आवश्यक हो चुकी है।

वड़ोदरा की इस घटना ने दिखा दिया है कि कैसे अपराधी मानसिक दबाव और भय दिखाकर लोगों को लूट रहे हैं। इस घटना से सभी को सीखने की जरूरत है कि कभी भी बिना प्रमाणित जानकारी के किसी भी तरह की वित्तीय लेन-देन में शामिल न हों और साइबर क्राइम के प्रति सजग रहें।