जांच के बाद गुजरात में बम धमकी भरे ई-मेल्स की घटनाएं जैसे आम होती जा रही हैं। कभी एयरपोर्ट, कभी मॉल और अब सरकारी दफ्तर भी इनकी चपेट में आ रहे हैं। 11 अप्रैल को ऐसी ही एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब वडोदरा जिला कलेक्टर कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल मिला। ई-मेल में दावा किया गया था कि दोपहर 3 बजे तक कार्यालय में विस्फोट हो सकता है।
धमकी मिलते ही पुलिस महकमा सतर्क हो गया। कलेक्टर कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई और मौके पर क्राइम ब्रांच, SOG (स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप), डॉग स्क्वॉड और बम स्क्वॉड की टीमें पहुंच गईं। पूरे क्षेत्र की बारीकी से तलाशी ली गई। लेकिन लंबी जांच के बाद भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिससे प्रशासन और आमजन ने राहत की सांस ली।
इतना ही नहीं, जांच के दौरान वडोदरा शहर कलेक्टर कार्यालय को एक और धमकीभरा कॉल भी मिला। इस बार फिर से पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षेत्र की घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह ई-मेल कल GIPCL को मिले ई-मेल जैसा ही था, यानी कंटेंट लगभग समान था। इस एंगल से भी जांच तेज़ कर दी गई है कि कहीं कोई शरारती तत्व या साइबर क्राइम ग्रुप तो इसके पीछे नहीं है।
हालांकि, पुलिस की जांच में अब तक कोई विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई है। लेकिन इस तरह की घटनाएं साफ़ इशारा कर रही हैं कि साइबर अपराधी अब दहशत फैलाने के लिए सरकारी संस्थानों को भी निशाना बना रहे हैं अब सबसे बड़ा सवाल यही है क्या यह किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है या केवल अफरातफरी फैलाने की साजिश?
पुलिस और साइबर सेल इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही हैं, और दोषियों तक पहुंचने के लिए तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
पर सवाल ये है कि क्या अब सरकारी कार्यालय भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं?बार-बार हो रही इन धमकियों पर रोक कैसे लगेगी?
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि तकनीक के इस युग में सुरक्षा को लेकर हमें और अधिक सजग और सतर्क होने की जरूरत है।

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