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सरकारी कार्यालयों में ChatGPT और DeepSeek का उपयोग वर्जित, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। ChatGPT, DeepSeek, Google Gemini जैसे प्लेटफॉर्म कंटेंट राइटिंग, डेटा एनालिसिस, कोडिंग और ट्रांसलेशन में मददगार साबित हो रहे हैं। छात्र, व्यवसायी और उद्यमी इन प्लेटफॉर्म्स का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार का मानना है कि इनका अनियंत्रित उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। डेटा प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने AI प्लेटफॉर्म के उपयोग को लेकर सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं।

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ChatGPT, DeepSeek और अन्य AI प्लेटफॉर्म के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। वित्त मंत्रालय द्वारा 5 फरवरी को जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी इन AI प्लेटफॉर्म्स का उपयोग न करें। सरकार का कहना है कि इन AI टूल्स के माध्यम से संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ सकता है।

केंद्र सरकार के परिपत्र में कहा गया है कि सरकारी कंप्यूटर और लैपटॉप पर इन AI प्लेटफॉर्म्स का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों को इनसे दूर रहने की सख्त चेतावनी दी गई है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइंस
वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने कर्मचारियों को ChatGPT और अन्य AI प्लेटफॉर्म्स के उपयोग से बचने की सलाह दें। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी कार्यालयों में AI टूल्स का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। हालांकि, कर्मचारी व्यक्तिगत डिवाइसेस पर इनका उपयोग कर सकते हैं।

सरकार जल्द ही सरकारी कार्यों में AI प्लेटफॉर्म्स के उपयोग को लेकर व्यापक नीति लाने की तैयारी कर रही है। इस नीति में डेटा सुरक्षा मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा।

AI टूल्स से डेटा लीक का खतरा
भारत में कई विदेशी AI एप्लिकेशन उपलब्ध हैं, जिनमें ChatGPT, DeepSeek और Google Gemini शामिल हैं। कई लोग अपने कार्यों को आसान बनाने के लिए इन AI प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हैं। हालांकि, इन टूल्स के उपयोग से डेटा लीक होने की आशंका बनी रहती है।

जब कोई AI एप्लिकेशन डिवाइस पर इंस्टॉल किया जाता है, तो वह विभिन्न प्रकार की एक्सेस मांगता है। ऐसे में सरकारी दस्तावेजों और गोपनीय सूचनाओं के लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। सरकार ने इसी खतरे को देखते हुए AI प्लेटफॉर्म्स के उपयोग पर सख्त रुख अपनाया है।

आने वाले समय में और सख्त नियम संभव
सरकार AI तकनीक के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए इसके नियमन पर काम कर रही है। आने वाले समय में सरकारी कार्यों में AI टूल्स के सीमित उपयोग और डेटा सुरक्षा के लिए और भी कड़े नियम लागू किए जा सकते हैं।