अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई आतंकी हमले के दोषी ताहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की मंजूरी दे दी है। इस मामले में राणा द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया गया। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है, जो 26/11 हमले के मास्टरमाइंड्स को न्याय के कटघरे में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ताहव्वुर राणा की 26/11 में भूमिका
मुंबई पुलिस ने 26/11 आतंकी हमले से जुड़े मामलों में ताहव्वुर राणा का नाम चार्जशीट में शामिल किया था। राणा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य होने का आरोप है।
चार्जशीट में कहा गया कि राणा ने हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी। राणा ने उन जगहों की रेकी की, जहां हमले किए जाने थे, और इनकी पूरी योजना को ब्लूप्रिंट के रूप में पाकिस्तानी आतंकवादियों को सौंपा।
हेडली और राणा की दोस्ती
ताहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली बचपन के दोस्त थे। हेडली, जो अमेरिकी नागरिक है, की मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे। हेडली को अक्टूबर 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया गया था। उसे मुंबई हमले में भूमिका के लिए अमेरिकी कोर्ट ने 24 जनवरी 2013 को दोषी ठहराते हुए 35 साल की सजा सुनाई थी।
राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल से पढ़ाई की, जहां हेडली ने अमेरिका जाने से पहले पांच साल तक पढ़ाई की थी।
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर से लेकर आतंकी साजिश तक का सफर
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम करने के बाद राणा कनाडा चला गया और वहां की नागरिकता हासिल कर ली। बाद में उसने शिकागो में ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेस’ नामक कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना की।
राणा ने इसी फर्म के जरिए मुंबई में एक शाखा खोली और डेविड हेडली की मदद से लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 हमले की जगहों की रेकी की।
26/11 हमला: 72 घंटे का आतंक
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी भारी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों के साथ समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए। आतंकवादियों ने मुंबई में 9 जगहों पर बम विस्फोट और गोलीबारी की।
निशाना बने प्रमुख स्थान:
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस
ताज होटल
ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल
लियोपोल्ड कैफे
कामा अस्पताल
नरीमन हाउस
मेट्रो सिनेमा
टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग
सेंट जेवियर्स कॉलेज के पास की गली
इस हमले में कुल 166 लोगों की मौत हुई, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक शामिल थे, और 300 से अधिक लोग घायल हुए।
ताहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और सजा
हेडली की अक्टूबर 2009 में गिरफ्तारी के बाद अमेरिकी पुलिस ने ताहव्वुर राणा को भी शिकागो से गिरफ्तार किया।
2011 में शिकागो कोर्ट ने उसे मुंबई हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा को लॉजिस्टिक सहायता देने और डेनिश अखबार ‘जिल्लैंड्स-पोस्टेन’ पर हमले की साजिश रचने का दोषी ठहराया।
भारत को प्रत्यर्पण की मंजूरी
2011 में एनआईए ने राणा समेत 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। 2014 में दिल्ली की अदालत ने राणा समेत सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए।
अब, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद राणा को भारत लाया जाएगा, जहां उसे 26/11 हमले के लिए जिम्मेदार ठहराने की कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
More Stories
गणतंत्र दिवस 2025: कर्तव्य पथ पर भारतीय शौर्य की गूंज, अपाचे-राफेल की गर्जना और 5 हजार कलाकारों का अनूठा संगम
‘स्काई फोर्स’ ने 36.80 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया: वीर पहाड़िया ने किया धमाकेदार डेब्यू, सोशल मीडिया पर छाए
पद्म श्री से सम्मानित हुए प्रोफेसर रतन परिमु