कुछ दशक पहले तक अमेरिकी राजनीति में भारतीय मूल के नेताओं की उपस्थिति नगण्य थी। लेकिन अब समय बदल चुका है। वर्तमान स्थिति यह है कि अमेरिका के स्थानीय निकाय और राज्य चुनावों में तीन दर्जन से अधिक भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार मैदान में हैं। भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति अक्सर यह कहते हैं: “यदि आप टेबल पर नहीं हैं, तो आप मेनू पर हैं।” उन्होंने कई भारतीय-अमेरिकी कार्यक्रमों में समुदाय के सदस्यों को प्रेरित किया है और उन्हें राजनीति में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है।
कैलिफ़ोर्निया में भारतीय-अमेरिकी शक्ति का केंद्र
भारतीय-अमेरिकियों का सबसे मजबूत प्रभाव कैलिफ़ोर्निया में देखा जा सकता है। यहां दो भारतीय-अमेरिकी प्रतिनिधि, रो खन्ना और डॉ. अमी बेरा, पहले से ही कांग्रेस में सेवा दे रहे हैं। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का भारतीय मूल भी महत्वपूर्ण है। कैलिफ़ोर्निया में इस बार चुनावी दौड़ में अदला चिश्ती (काउंटी पर्यवेक्षक), आलिया चिश्ती (सैन फ्रांसिस्को सिटी कॉलेज बोर्ड), दर्शन पटेल (राज्य विधानसभा), निकोल फर्नांडीज़ (सैन मेटो सिटी काउंसिल), नित्या रमन (लॉस एंजिल्स सिटी काउंसिल), ऋचा अवस्थी (पालक नगर परिषद), और सुखदीप कौर (एमरीविल सिटी काउंसिल) शामिल हैं।
जॉर्जिया में अश्विन रामास्वामी का संघर्ष
जॉर्जिया में अश्विन रामास्वामी राज्य सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। यदि वे जीतते हैं, तो वे जॉर्जिया राज्य सीनेट के सबसे युवा सदस्य बन जाएंगे। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान अश्विन को नस्लवादी और नफरत भरे बयानों का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके संघर्ष को और भी चुनौतीपूर्ण बनाता है।
अन्य राज्यों में भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार
इलिनोइस में अनुषा थोथकुरा स्कूल बोर्ड के लिए और नबील सैयद स्टेट हाउस के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। ओहियो में चैनटेल रघु काउंटी आयुक्त और पवन पारिख अदालतों के काउंटी क्लर्क पद के लिए मैदान में हैं। वर्जीनिया में डैनी अवुला रिचमंड के मेयर पद के लिए चुनावी दौड़ में शामिल हैं।
टेक्सास और न्यूयॉर्क में उम्मीदवारों की लंबी सूची
टेक्सास में आशिका गांगुली (सिटी काउंसिल), कार्तिक सूरा (स्टेट सीनेट), नबील शेख (काउंटी कांस्टेबल), रमेश प्रेमकुमार (सिटी काउंसिल), रवि सैंडिल (जज), सलमान भोजानी (स्टेट हाउस), शेखर सिन्हा (स्टेट हाउस), शरीन थॉमस (जज), सुलेमान लालानी (स्टेट हाउस), और सुंबल ज़ेब (काउंटी अप्रेजल कोर्ट) सहित कई भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार हैं।
न्यूयॉर्क में ज़ेरेमी कूनी और मनीता सांघवी राज्य सीनेट के लिए, और ज़ोहान ममदानी राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वाशिंगटन राज्य में मनका ढींगरा अटॉर्नी जनरल के पद के लिए और मोना दास सार्वजनिक भूमि आयुक्त पद के लिए खड़ी हैं।
भारतीय-अमेरिकी प्रभाव का विस्तार
भारतीय मूल के नेता अमेरिकी राजनीति में तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं। उनकी सफलता और राजनीतिक सक्रियता केवल समुदाय की उपस्थिति को ही नहीं दर्शाती, बल्कि यह भी दिखाती है कि वे अमेरिकी सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। उनकी बढ़ती भागीदारी यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का राजनीतिक दबदबा और अधिक मजबूत हो सकता है।
More Stories
मोहाली में गिरी बहुमंजिला इमारत, 15 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका , बचाव कार्य जारी
43 साल बाद क्यों कुवैत दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी?
दिल्ली चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका, LG ने केजरीवाल के साथ खेला खेल