बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार को कहा कि ‘हमने प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को भी रिहा करने का आदेश दिया है, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद नजरबंद हैं। शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर अंतरिम सरकार बनाने की भी घोषणा की। केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई।
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बीच दिल्ली में हलचल बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने पड़ोसी देश के हालात पर चर्चा के लिए संसद भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर बांग्लादेश के राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी देंगे। सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार के मंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
विरोध के पीछे बीएनपी का हाथ: अवामी लीग
सत्ता परिवर्तन से पहले बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी ने देशव्यापी हिंसा के पीछे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) पर आरोप लगाया है। अवामी लीग के मुताबिक, आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग से पता चलता है कि वास्तव में विरोध प्रदर्शन के पीछे छात्र नहीं, बल्कि देश की मुख्य विपक्षी राजनीतिक पार्टी – BNP और प्रतिबंधित संगठन हैं। जमात-ए-इस्लामी। उनका मकसद किसी भी तरह से देश में सत्ता हासिल करना है। प्रशासन भी लगातार छात्र संगठनों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहा है।
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बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमा सुरक्षित: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
बांग्लादेश में अशांति पर चिंता के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि पड़ोसी देश के साथ भारत की सीमा सुरक्षित है। लोगों को किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए।’ इसके अलावा राज्यपाल ने एक ‘निगरानी समिति’ का भी गठन किया है, जो चौबीसों घंटे लोगों को गलत सूचनाओं और अफवाहों के बारे में जानकारी देती रहेगी। बोस ने आगे कहा कि ‘अफवाहें और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
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