वृंदावन का गोपीनाथ मंदिर आज रंगों और खुशियों का केंद्र बन गया हैं, जब विधवा माताओं ने सदियों पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए होली का जश्न मनाया। 20 क्विंटल फूलों और 25 क्विंटल गुलाल की वर्षा के बीच, यह नज़ारा किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था। माताओं के साथ विदेशी महिलाओं ने भी उत्सव में भाग लिया और आनंद की इस धारा में खुद को बहने से रोक नहीं पाईं।
परंपराओं को तोड़ता उल्लास
गोपीनाथ मंदिर में होली के भजन गूंज रहे थे, हवा में गुलाल उड़ रहा था, और सैकड़ों माताएं नृत्य कर रही थीं। यह आयोजन सामाजिक संस्था सुलभ इंटरनेशनल द्वारा किया गया, जिसने उन विधवा माताओं के जीवन में रंग भरने का संकल्प लिया है, जो समाज द्वारा हाशिए पर धकेल दी गई थीं। संस्था की पदाधिकारी विनीता का कहना है, “पहले ये माताएं जीवन से निराश थीं, लेकिन अब ये 100 साल जीने की इच्छा रखती हैं।”
विदेशी पर्यटकों के लिए अनोखा अनुभव
यह उत्सव सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनियाभर से आए पर्यटकों के लिए भी अनूठा रहा। विदेशी महिलाओं ने भी फूलों की होली खेली और भारतीय संस्कृति की इस छटा में खो गईं। एक विदेशी महिला ने कहा, “यह दृश्य अविश्वसनीय है। मैंने इससे पहले कभी ऐसा आनंद महसूस नहीं किया।”
जब विधवा माताओं ने खुद को भुला दिया
विधवा माताएं, जिनके जीवन में कभी रंगों की गुंजाइश नहीं थी, आज खुद पर गुलाल उड़ा रही थीं। कान्हा के जयकारों के बीच वे खुशी में झूम उठीं। इस उत्सव ने यह साबित कर दिया कि खुशी का कोई बंधन नहीं होता, न उम्र की सीमा, न समाज के बनाए गए नियम।
बदलाव की नई लहर
यह दृश्य न केवल हृदय को सुकून देने वाला था, बल्कि समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी था। विधवा माताओं की यह होली यह दर्शाती है कि समय के साथ पुरानी रूढ़ियों को तोड़ा जा सकता है। सुलभ इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं की पहल से, समाज में बदलाव की नई लहर उठ रही है। यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है—जहाँ हर व्यक्ति को जीने का हक है, चाहे वह विधवा हो या निराश्रित।
होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि उन लोगों को अपनाने का भी अवसर है, जिन्हें समाज ने भुला दिया था। वृंदावन की यह होली सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि सदियों पुरानी सोच पर एक करारा प्रहार है।

More Stories
बलूचिस्तान ट्रेन हाइजैक: पाकिस्तान की नाकामी या गहरी साजिश? इस हादसे के पीछे भारत को ठहराया दोषी
10 साल के बेटे के हाथों माँ की रहस्यमयी मौत ने खड़े किए गंभीर सवाल ;जानें पूरा मामला
होली पर यात्रियों को तोहफा: दिल्ली से स्पेशल ट्रेनों की सौगात