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Union Budget 2024: बजट पर सदन के भीतर विपक्ष का जोरदार हंगामा, परिसर के बाहर भी सांसदों ने किया प्रदर्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने मंगलवार को वित्ती वर्ष 2024-25 के लिए संसद में बजट पेश किया था। संसद में आज से बजट पर चर्चा की शुरुआत होनी है। लोकसभा में विपक्ष की ओर से कुमारी शैलजा और शशि थरूर बजट पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। इस बीच INDIA गठबंधन के नेताओं ने संसद में ‘भेदभावपूर्ण’ केंद्रीय बजट 2024 का विरोध किया।

बजट को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “बजट में कोई न्याय नहीं मिला है, तो न्याय दिलाने के लिए हम लड़ रहे हैं…”

इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बजट का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “समर्थन मूल्य किसान को ना देकर गठबंधन के साथियों को दे रहे हैं…उत्तर प्रदेश को बड़े सपने दिखाए थे, क्या मिला उत्तर प्रदेश को? डबल इंजन की सरकार है तो डबल लाभ मिलना चाहिए था, दिल्ली का लाभ लखनऊ का लाभ लेकिन लगता है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं देख रही है या लखनऊ वालों ने दिल्ली वालों को नाराज कर दिया उसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है… विकास बिहार जा रहा है तो उत्तर प्रदेश को क्यों छोड़ रहे हैं? बाढ़ अगर बिहार की रोकनी है तो नेपाल और उत्तर प्रदेश की बाढ़ रोके बिना आप बिहार की बाढ़ कैसे रोकेंगे? आप पहले उत्तर प्रदेश और नेपाल की बाढ़ रोके तो बिहार की बाढ़ अपने आप रुक जाएगी।”

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी बजट 2024-25 को अनुचित बताते हुए कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत अनुचित बजट है। भारत के अधिकांश राज्यों को नज़रअंदाज़ किया गया है। उनकी ज़रूरी चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया गया है…सिर्फ़ अपनी सरकार बचाने के लिए उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि विभिन्न राज्यों की स्थानीय ज़रूरतें क्या हैं और- इसीलिए INDIA गठबंधन इसका विरोध कर रहा है…”

इन सभी बयानों के बीच केंद्रीय बजट पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “…बजट बहुत शानदार है और सभी ने इसका स्वागत किया है। विपक्ष यह कहकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है कि यह सिर्फ 2 राज्यों का बजट है। बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का आवंटन 1-2 राज्यों के लिए नहीं है, यह पूरे देश के लिए है…बुनियादी ढांचे से लेकर चिकित्सा, मध्यम वर्ग के लोगों को छूट देना, किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं या आदिवासियों को अलग पैकेज देना, यह सब देश के लिए किया गया है। यह कहना गलत है कि पूरा केंद्रीय बजट 1 या 2 राज्यों के लिए है…”