आपने अपने किसी न किसी रिश्तेदार के मुँह से यह ज़रूर सुना होगा कि उन्हें डायबिटीज है। और अब तो डायबिटीज होना एक आम सी बात हो गई है। आजकल देखा जा सकता है कि अधिकतर लोगों को डायबिटीज की बीमारी होने लगी है। World Health Organization (WHO) के हिसाब से 1998 में 108 मिलियन लोगों को यह बीमारी होती थी, जो 2014 में बढ़कर 400 मिलियन लोगों को होने लगी। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज होती क्या है?
डायबिटीज (Diabetes) वैसे तो एक डाइट और स्वास्थ्य से रिलेटेड एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। जब व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) नहीं बन पाता और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं तब डायबिटीज होती है। इंसुलिन एक हार्मोन होता है, जो ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करता है।
अगर डायबिटीज का सही इलाज न किया जाए तो यह नसों, आंखों, गुर्दे और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज एक ऐसी आम, लेकिन खतरनाक बीमारी है जो धीरे-धीरे करके मरीज़ के शरीर को खोकला कर देती है। डायबिटीज के दौरान सही समय पर दवाई लेकर, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर और डाइट को कण्ट्रोल करके आप उसे नियंत्रण में रख सकते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज सिर्फ एक प्रकार की नहीं होती। और तो और अलग-अलग प्रकार की डायबिटीज का अलग अलग इलाज होता है। आपको बता दें कि डायबिटीज के 3 प्रकार होते हैं:
- Type 1 Diabetes: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें व्यक्ति का खुदका इम्यून सिस्टम ही उसके खिलाफ काम करने लगता है। यह व्यक्ति की पैंक्रियाज में जाकर उन टिश्यू पर हमला करता है जो इंसुलिन का निर्माण करते हैं।
- Type 2 Diabetes: यह डायबिटीज का सबसे ज़्यादा होने वाला टाइप है। जिसे हम डायबिटीज कहते हैं वह असल में टाइप 2 है। इसमें शरीर इंसुलिन का प्रतिरोध करने लगता है, जिसकी वजह से खून में शुगर लेवल बढ़ने लगता है।
- Gestational Diabetes: यह प्रेगनेंसी के वक़्त होने वाली डायबिटीज है। प्लेसेंटा द्वारा इंसुलिन के उत्पादन में रुकावट डालने वाले हार्मोन पैदा करने की वजह से यह डायबिटीज होती है।
इन सब टाइप्स का इलाज तो है ही। लेकिन यह एक ऐसी बिमारी है जो आपके साथ ही ख़त्म होती है। यह जड़ से नहीं निकल पाती। आप जब मरोगे तभी यह आपके साथ आपकी चिता में जाकर भस्म होगी। हाँ लेकिन इसको नियंत्रण में रखने के लिए दवाइयां खाते रहना पड़ता है। अपनी डाइट को कंट्रोल में रखकर और शरीर को लगातार मूवमेंट देकर हम इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। हालाँकि यह बात तो केवल टाइप 1 डायबिटीज वालों के लिए है। टाइप 2 डायबिटीज का इलाज एक हद्द तक मुमकिन है। प्रतिदिन एक्सरसाइज, संतुलित भोजन, समय पर नाश्ता और वजन को नियंत्रित करके छुटकारा पाया जा सकता है। सही डायट की मदद से टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा कुछ ओरल एंटीबायोटिक्स दवाएं टाइप-2 डायबिटीज को बढ़ने से रोकने में मदद करती हैं।
लेकिन कहते हैं न “Prevention is Better than Cure”. ऐसी स्थिति आने ही क्यों देनी है जिससे आपको डायबिटीज हो जाए, और फिर उसका इलाज किया जाए। डायबिटीज को होने से रोकने के लिए कई सारे प्रिवेंशन के तरीकें भी है। हालाँकि प्रिवेंशन तो हम तब कर पाएंगे न जब हमें डायबिटीज के लक्षण दिखेंगे। क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज के सिम्पटम्स कौन-कौन से हैं?
डायबिटीज के सिम्पटम्स
➤ रोज़ाना बहुत ज़्यादा भूख लगना
➤ बहुत ज़्यादा प्यास लगना
➤ वज़न कम होना
➤ ज़्यादा पेशाब आना और कभी-कभी उसका काबू से बाहर हो जाना
➤ बहुत ज़्यादा थकावट होना
➤ धुंधला दिखना
➤ छाले और घाव होना, उनका ठीक न होना
➤ स्किन इंफेक्शन, ओरल इंफेक्शन्स और वजाइनल इंफेक्शन्स
डायबिटीज होने के कारण
➤ इंसुलिन की कमी
➤ परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना
➤ हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
➤ हाई ब्लड प्रेशर
➤ हार्मोन्स का असंतुलन
➤ खान-पान की ग़लत आदतें
➤ एक्सरसाइज ना करने की आदत
➤ बढ़ती उम्र
अब बात करते हैं डायबिटीज को प्रिवेंट करने के तरीकों के बारे में। आप सोच रहे होंगे कि डायबिटीज शुगर लेवल बढ़ने के कारण होती है तो सिर्फ मीठा खाना ही बंद करना होगा। लेकिन नहीं। सिर्फ मीठा खाना ही नहीं, और भी चीज़ें जिसमें शुगर की मात्रा ज़्यादा हो जैसे कि चावल, उन्हीं भी बंद करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं इसके प्रिवेंशन के तरीके:
➤ विटामिन डी की कमी ना होने दें
➤ वजन को नियंत्रण में रखें।
➤ मीठा कम खाएं, खासकर शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन
➤ हाई फाइबर डायट खाएं, और प्रोटीन का सेवन भी अधिक मात्रा में करें
➤ पानी ज़्यादा पीएं
➤ एक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें और सुबह-शाम टहलने जाएं।
➤ स्मोकिंग और अल्कोहल लेने से परहेज करें।
इन सब चीज़ों का ध्यान रखकर आप डायबिटीज होने से रोक सकते हैं और अपने परिजनों को भी डायबिटीज होने से बचा सकते हैं।
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