कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में कनाडा के मूल नेताओं के साथ दो भारतीय मूल के नेता भी शामिल हैं। इनमें पहला नाम ट्रूडो मंत्रिमंडल में शामिल पूर्व रक्षा मंत्री और वर्तमान परिवहन-आंतरिक व्यापार मंत्री अनिता आनंद का है। दूसरा नाम भारतीय मूल के लिबरल पार्टी के सांसद जॉर्ज चहल का है।
जॉर्ज चहल भी पीएम पद की दौड़ में
कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल जॉर्ज चहल को कई सांसदों ने अंतरिम नेता बनाने की सिफारिश की है। यदि उन्हें अंतरिम नेता बनाया जाता है, तो वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो जाएंगे, क्योंकि कनाडा के नियमों के अनुसार, अंतरिम नेता प्रधानमंत्री पद के चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते। जॉर्ज चहल ने ट्रूडो से प्रधानमंत्री पद छोड़ने और पार्टी में फिर से चुनाव कराने की मांग की थी।
चहल पेशे से वकील हैं और उन्होंने कैलगरी सिटी काउंसलर के रूप में भी विभिन्न समितियों में काम किया है। वे संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और सिख कॉक्स के अध्यक्ष भी हैं।
इन नेताओं की भी हो रही चर्चा
कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की रेस में अनिता आनंद, पियरे पोइलीवर, क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मार्क कार्नी जैसे दिग्गज नाम सामने आ रहे हैं। इनमें से भारतीय मूल की नेता अनिता आनंद को उनके प्रभावी शासन और जनसेवा के बेहतरीन रिकॉर्ड के कारण सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। वे 2019 से कनाडा की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
प्रधानमंत्री पद की अन्य दावेदार
क्रिस्टिया फ्रीलैंड
कनाडा की पूर्व वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड लंबे समय से जस्टिन ट्रूडो की समर्थक रही हैं। हालांकि, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आने के बाद ट्रूडो के साथ वित्तीय मामलों और कई योजनाओं को लेकर उनके मतभेद की खबरें सामने आई थीं। इस वजह से उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए आगे बढ़ा सकती है।
डोमिनिक लेब्लांक
लिबरल सरकार में कैबिनेट मंत्री डोमिनिक लेब्लांक उन नेताओं में से एक हैं, जो मुश्किल समय में भी पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। ऐसे में ट्रूडो के समर्थन में खड़े लिबरल पार्टी के नेता अगला प्रधानमंत्री बनाने के लिए लेब्लांक का समर्थन कर सकते हैं। लेब्लांक एक वकील और राजनीतिज्ञ हैं और वर्तमान सरकार में वित्त और अंतरविभागीय मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं। क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी।
मार्क कार्नी
प्रधानमंत्री पद की दौड़ में एक ऐसा नाम भी है, जो राजनीति से बिल्कुल नया है—मार्क कार्नी। वे पहले बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने राजनीति में उतरने की इच्छा जाहिर की है और इसके लिए वे लिबरल पार्टी के नेताओं के संपर्क में भी हैं।
क्रिस्टी क्लार्क
लिबरल पार्टी की राष्ट्रीय नेता और कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की पूर्व प्रीमियर (मुख्यमंत्री के समकक्ष पद) क्रिस्टी क्लार्क का नाम भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों में शामिल है। वे 2011 से 2017 तक ब्रिटिश कोलंबिया की प्रीमियर थीं।
क्या कनाडा को मिलेगा भारतीय मूल का प्रधानमंत्री?
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा की राजनीति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। अनिता आनंद और जॉर्ज चहल जैसे भारतीय मूल के नेता अगर आगे बढ़ते हैं, तो यह कनाडा की राजनीति में भारतीय प्रवासियों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाएगा। अब देखना होगा कि लिबरल पार्टी का अगला कदम क्या होता है और प्रधानमंत्री पद की यह रेस किसके पक्ष में जाती है।
More Stories
Uttarayan Festival: चीनी डोर पर वडोदरा पुलिस का शिकंजा, छापेमारी कर की सख्त कार्रवाई
गुजरात में उत्तरायण तक नहीं मिलेगी ठंड से राहत, नलिया में तापमान माइनस में
9 घंटे में 100 से अधिक बार कांपी धरती, 126 की मौत के साथ तिब्बत का शहर मलबे में तब्दील