CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Wednesday, April 16   3:16:30

ढाई महीने में दो हादसे, रक्षित ने नहीं लिया सबक ; अब किसे ठहराया जाए जिम्मेदार?

वडोदरा: रफ़्तार का कहर
वडोदरा में अमरापाली कॉम्प्लेक्स के पास हुए हादसे ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। 22 वर्षीय रक्षित चौरसिया ने अपनी तेज़ रफ़्तार वॉल्क्सवैगन वर्टस जीटी कार (GJ-06-RA-6879) से 8 लोगों को रौंद दिया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

पहले भी दिखा चुका है लापरवाही का नमूना
यह पहली बार नहीं है जब रक्षित ने लापरवाही से गाड़ी चलाई हो। ढाई महीने पहले, उसी कार को रक्षित ने सेवासी रोड पर तेज़ रफ़्तार में चलाते हुए सड़क से नीचे उतार दिया था। उस समय उसके साथ उसका दोस्त प्रांशु चौहान भी कार में मौजूद था। हालांकि, उस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके बावजूद, रक्षित ने अपनी आदतों में कोई सुधार नहीं किया।

कार मालिक और जांच का दायरा
जानकारी के अनुसार, यह कार करजन डियोन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है और इसका स्वामित्व प्रांशु चौहान के पास है। पुलिस इस मामले में और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने लाने की कोशिश कर रही है।

आरटीओ की जांच और कार की हालत
हादसे के बाद पुलिस ने आरटीओ से कार की तकनीकी जांच करने को कहा। लेकिन कार की हालत इतनी ख़राब थी कि आरटीओ भी दोष का पता लगाने में असमर्थ रहा। अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

न्यायिक हिरासत में रक्षित
रक्षित चौरसिया को सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उसे वडोदरा जेल के यार्ड-12 में सेमी-हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है, जहां 24/7 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। जेल अधीक्षक मुकेश चौधरी के अनुसार, रक्षित को जेल का सामान्य खाना दिया जा रहा है और उसे बाहर से खाना मंगवाने की इजाज़त नहीं है।

लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू
जांच में पता चला है कि रक्षित का ड्राइविंग लाइसेंस वाराणसी, उत्तर प्रदेश का है। वडोदरा पुलिस की एक टीम वाराणसी आरटीओ पहुंची है और रक्षित का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और आगे की जांच
पुलिस ने अब तक 9 प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज कर लिए हैं और रक्षित के दोस्तों प्रांशु चौहान व सुरेश भरवाड़ से भी पूछताछ जारी है। पुलिस इस केस को और भी मज़बूत बनाने के लिए अन्य चश्मदीदों के बयान भी दर्ज करने की योजना बना रही है।

एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में एनएसयूआई ने वडोदरा में प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि शहर में शराब और नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है और पुलिस इस पर आंखें मूंदे बैठी है। एनएसयूआई ने गृह मंत्री हर्ष सांघवी के इस्तीफ़े की मांग की। प्रदर्शन के दौरान 10 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। एनएसयूआई नेता दुश्यंत राजपुरोहित ने आरोप लगाया कि इस हादसे के लिए पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है।

यह केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और युवाओं की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों का परिणाम है। पहली दुर्घटना के बाद यदि रक्षित पर सख्त कार्रवाई की जाती, तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल सकता था। कानूनों को और सख्त करने और उनका सख्ती से पालन करवाने की ज़रूरत है। साथ ही, युवाओं को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा, ताकि वे खुद और दूसरों की जान जोखिम में न डालें।

आखिर कब तक चलेगा रफ़्तार का ये कहर?