अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 मार्च को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने के अपने फैसले को 30 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। यह कदम एक बार फिर से व्यापारिक संबंधों में तनाव के बीच अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको के लिए चौंकाने वाला साबित हुआ। पहले भी, 4 फरवरी को ट्रम्प ने यही घोषणा की थी, लेकिन टैरिफ लागू होने से एक दिन पहले इसे एक और 30 दिन के लिए टाल दिया गया था।
ट्रम्प के इस निर्णय ने न केवल अमेरिकी व्यापार जगत को बल्कि कनाडा और मेक्सिको को भी चौंका दिया है। कनाडा, जो अमेरिकी उत्पादों का प्रमुख उपभोक्ता है, अब ट्रम्प के दबाव के कारण अमेरिकी सामानों का बहिष्कार करने की दिशा में बढ़ चुका है। कनाडाई नागरिक अब अमेरिकी सेब और टमाटर के बजाय अन्य देशों के उत्पादों को प्राथमिकता देने लगे हैं। पिज्जा दुकानदारों ने कैलिफोर्निया के टमाटरों की जगह इटली से आयातित टमाटरों का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
इस स्थिति में कनाडा में एक तरह की देशभक्ति की भावना उत्पन्न हो रही है। ट्रम्प की धमकियों के बावजूद, कनाडा के नागरिक अपनी स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए और घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडाई नागरिक समझदार हैं और किसी भी बाहरी दबाव के सामने नहीं झुकेंगे। इस भावना के कारण, लिबरल पार्टी के लिए आगामी चुनाव में उम्मीदें अब और भी प्रबल हो गई हैं।
अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाने का यह फैसला कनाडा और मेक्सिको के लिए अस्थायी रूप से टलने के बावजूद, दोनों देशों ने इसे सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है। कनाडा के वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया, जबकि मेक्सिको ने भी इसे अच्छे संकेत के रूप में लिया।
लेकिन, इस फैसले का असर अमेरिकी शेयर बाजार पर स्पष्ट रूप से दिखा। S&P 500 इंडेक्स में 3.6% की गिरावट आई, जो पिछले दो सालों में सबसे बड़ी गिरावट थी। यह गिरावट यह दर्शाती है कि व्यापारिक तनावों का असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वैश्विक बाजारों को भी प्रभावित कर सकता है।
कार निर्माता कंपनियों ने ट्रम्प से इस फैसले को स्थगित करने की अपील की थी, क्योंकि इससे उन्हें वित्तीय नुकसान हो सकता था। ट्रम्प का कहना था कि उनका उद्देश्य अमेरिकी कार निर्माताओं और किसानों की रक्षा करना है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत अस्थायी है। उनके अनुसार, 2 अप्रैल के बाद कनाडा और मेक्सिको से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ फिर से लागू किए जाएंगे।
क्या यह सिर्फ एक रणनीतिक चाल है?
यह सवाल उठता है कि क्या ट्रम्प का यह कदम सिर्फ एक तात्कालिक रणनीति है या इसके पीछे दीर्घकालिक योजनाएँ छिपी हुई हैं? उनका बयान कि “मैं बाजार को देख भी नहीं रहा हूं” यह संकेत देता है कि उनका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी उत्पादकों और श्रमिकों को प्राथमिकता देना है। हालांकि, इस दृष्टिकोण में दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के सवाल भी उठते हैं। क्या यह कदम अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेगा, या फिर यह वैश्विक व्यापारिक तनावों को बढ़ाकर और अस्थिरता का कारण बनेगा?
ट्रम्प का यह निर्णय एक रणनीतिक चाल हो सकती है, लेकिन इसके परिणाम दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा सकते हैं। अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों को स्थिर करना और अपने उत्पादकों को प्राथमिकता देना एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन इसके लिए देशों के बीच संतुलित और समझदारी से भरे संबंधों की आवश्यकता है। इस प्रकार के फैसले वैश्विक व्यापारिक वातावरण पर असर डाल सकते हैं और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकते हैं।
कनाडा और मेक्सिको के लिए यह एक अवसर हो सकता है कि वे अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूती से तय करें और नए विकल्पों पर विचार करें। यह समय है कि इन देशों को अपने व्यापारिक विकल्पों पर पुनर्विचार करते हुए अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।
ट्रम्प का यह कदम एक तात्कालिक राजनीतिक और आर्थिक रणनीति हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर निश्चितता अभी बाकी है।
More Stories
तुम अबला नहीं, रानी नहीं, “अप्सरा हो” , महिला दिवस पर एक ख़ास संदेश
राहुल गांधी का गुजरात दौरा: कांग्रेस में बदलाव की जरूरत, बब्बर शेरों को चेन से मुक्त करने की बात
मुंबई में प्रियंका चोपड़ा ने 16 करोड़ में नीलाम किए चार फ्लैट, जानें आखिरकार ऐसी भी क्या मजबूरी