कांस फिल्म फेस्टिवल में डोनाल्ड ट्रंप की बायोपिक फिल्म ” द एप्रेंटिस ” दर्शाए जाने से खलबली मच गई है। इस फिल्म में ऐसा क्या है कि,ट्रंप की रातों की नींद उड़ गई है?
एक ओर अमेरिका में, अमेरिका के प्रमुख पद के लिए चुनावी मैदान में ट्रंप और जो बाइडेन के बीच जबरदस्त जंग है। जीत के लिए दोनो उम्मीदवार एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के जीवन पर आधारित फिल्म “द एप्रेंटिस” कांस फिल्म फेस्टिवल में दर्शाए जाने से ट्रंप के कैंप में खलबली मच गई है।
इस फिल्म में उन्हें रेपिस्ट,ड्रग एडिक्ट, रंगभेदी दर्शाया गया है। यह फिल्म ट्रंप के 1970 से 1980 तक के दशक में उनके रियल एस्टेट बिजनेसमैन के रूप में उनके जीवन पर बनी फिल्म है। इसमें उन्हें जातीय उत्तेजना के लिए एमफेटेमाइन पिल्स लेते दिखाया गया है। उनके नेगेटिव पहलू को इस फिल्म में दिखाया है। ट्रंप और नामचीन वकील रॉय कौन्ह के बिच के संबंध इस फिल्म की मुख्य स्टोरी है। साथ ही ट्रंप की अश्वेत विरोधी नीति भी उजागर की है।इन सारे बखेड़ों की कहानी लेकर आए है,मूल ईरानियन और डेनमार्क निवासी डायरेक्टर अली अब्बासी।
ट्रंप कैंप का आरोप है कि यह फिल्म जो बाइडेन ने बनवाई है, अगर ऐसा है तो, अगले छह महीनों में अमेरिका में होने जा रहे चुनावो मे ट्रंप को कैंपेन को प्रभावित करेगी। ट्रंप को बाइडेन का ये नहले पर दहला भारी पड़ सकता है। फिलहाल तो इस फिल्म के रिव्यू को रोकने ट्रंप की टीम बदहवास सी भाग रही है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि 1973 में ट्रंप की कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ अश्वेतों के साथ भेदभाव के मुद्दे हुए केस से हड़कंप मच गया था।इस केस में ट्रंप ने कोर्ट के बाहर सेटलमेंट किया था।और यह केस लड़ा था, रॉय कौँह ने। रॉय बिलियनर्स और गैंगस्टर के वकील रूप में जाने जाते थे।फिल्म ” द एप्रेंटिस” में ट्रंप के सभी कारनामे है।इसके विरुद्ध ट्रंप ने उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए इस फिल्म को कोर्ट में खींचने की बात कही है।
डोनाल्ड ट्रंप के तेवरों के चलते अमेरिकन प्रमुख के रूप के वहां की जनता ने ज्यादा पसंद नहीं किया था।खैर…अब इस फिल्म से अमेरिका के चुनाव कितने प्रभावित होते हैं ये तो वक्त ही बताएगा।वैसे इस चक्रव्यूह से निकलने के लिए ट्रंप साम,दाम, दंड,भेद,सभी नीतियां अपनाएंगे।
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