हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। रामभक्त और केसरीनंदन हनुमानजी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा तिथि पर सुबह के समय हुआ था। हनुमान जयंती पर बजरंगबली की विधिवत पूजा-आराधना के साथ चोला चढ़ाने के साथ-साथ तेल और सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है। ज्योतिषशास्त्र में मान्यता है कि हनुमानजी की भक्तिभाव से पूजा करने पर अशुभ ग्रह भी शुभफल देने लगते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान बाहुक का पाठ करने से जन्म कुंडली के अकाल मृत्यु योग भी नष्ट हो जाएंगे।
हनुमान जयंती के पावन मौके पर वड़ोदरा में काला घोड़ा स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के बाहर भक्तों की कतारें देखी गई।कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मंदिर में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया गया।भक्तों ने बाहर से ही हनुमान जी के दर्शन कर महामारी से निजात दिलाने की कामना की।
हरणी के भीड़ भंजन हनुमानजी मंदिर में भी हनुमान जयंती के मौके पर विभिन्न धार्मिक आयोजन किए गए। जहां भी भक्तों ने सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क और सेनेटाइहिंग के साथ हनुमान जी के दर्शन किए। यहां हनुमान जी का फूलों का सुंदर श्रृंगार किया गया।
वहीं दूसरी और रोकड़नाथ हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के मौके पर हर वर्ष आयोजित होने वाले शोभायात्रा, महाप्रसाद और 108 हनुमान चालीसा का पाठ इस वर्ष आयोजित नहीं हुआ। यहां भी चंद भक्तों के साथ हनुमान जयंती मनाई गई।
More Stories
दिल्ली में दिल दहला देने वाला अपराध मासूम के साथ दरिंदगी की हदें पार!
वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में मुस्लिम महिलाओं का एक नया रूख…..
भारत का छुपा खजाना: वक्फ बोर्ड के पास रेलवे से भी ज्यादा जमीन, लेकिन क्यों नहीं हो रहा सही इस्तेमाल?