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digital arrest

‘Digital Arrest’ के नाम पर साइबर अपराध का शिकार हुए हजारों लोग, अहमदाबाद पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

गुजरात के अहमदाबाद में साइबर क्राइम पुलिस को 1000 से ज्यादा लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने वाले को पकड़ने में सफलता मिली है।

अहमदाबाद पुलिस ने देश भर के 1000 से ज्यादा लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर पैसा लूटने वाली गैंग को पकड़ लिया है। पुलिस ने इस रैकेट में अहमदाबाद वडोदरा समेत के शहरों के 14 लोग समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें ताइवान के चार नागरिक भी शामिल है।

पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने लोगों के पास से करोड़ों रुपए लेकर 5000 करोड रुपए से ज्यादा पैसे चीन और ताइवान ट्रांसफर किए थे। गिरोह द्वारा अहमदाबाद के सेटेलाइट में रहने वाले बुजुर्ग को 10 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उनके पास से करीब 79.34 लाख रुपए ले लिए गए थे, पुलिस ने आरोपियों के पास से 761 सिम कार्ड 120 मोबाइल फोन 96 चेक बुक और 92 डेबिट कार्ड जब्त किए हैं, साथ ही 12.75 लाख रुपए नगद और बैंक की 42 पासबुक भी जब्त करते हुए कानूनी कार्रवाई की है।

चलिए जानते हैं अब आखिर क्या है ये डिजिटल अरेस्ट 

Digital Arrest एक ऐसा मामला है जब कोई व्यक्ति ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से किसी अपराध, अवैध गतिविधि, या संदिग्ध कार्यों के लिए कानूनी गिरफ्तारी का शिकार होता है। इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियां डिजिटल फुटप्रिंट्स, सोशल मीडिया गतिविधियों, इलेक्ट्रॉनिक संचार, और ऑनलाइन लेन-देन के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार करती हैं।

आज कल इसी Digital Arrest के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। इतना ही नहीं यह एक नई तरह की साइबर अपराध रणनीति बन गई है, जहां ठग लोग फर्जी तरीके से खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं। ठग, डिजिटल अपराध (जैसे साइबर फ्रॉड, अवैध ऑनलाइन गतिविधि, या सोशल मीडिया पोस्ट) में आपकी संलिप्तता का झूठा दावा करते हैं और “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर पैसों की मांग करते हैं।

कैसे होती है ठगी?

  1. फर्जी कॉल्स या मैसेज: ठग लोग खुद को पुलिस अधिकारी या साइबर क्राइम विशेषज्ञ बताते हैं और आपको फोन करके या मैसेज भेजकर दावा करते हैं कि आपने कोई साइबर अपराध किया है। वे आपको बताते हैं कि आपके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है।
  2. भय दिखाकर पैसे मांगना: ठग यह दावा करते हैं कि यदि आप तुरंत जुर्माना नहीं भरते, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वे बैंक अकाउंट नंबर या ई-वॉलेट के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं।
  3. फर्जी ईमेल या नोटिस: कभी-कभी ठग आपको फर्जी सरकारी ईमेल या नोटिस भेजते हैं, जिसमें “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी होती है। यह ईमेल बहुत पेशेवर तरीके से बनाई जाती है ताकि लोग इसे असली समझें।
  4. सोशल मीडिया का उपयोग: ठग सोशल मीडिया पर भी संपर्क करके धमकी दे सकते हैं, यह कहकर कि आपकी ऑनलाइन गतिविधियों के कारण आपको गिरफ्तार किया जाएगा।