CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Saturday, November 16   4:19:17
teachers day special

Teachers Day: देश के समर्पित शिक्षक, शिक्षा से बदल रहे वंचित बच्चों का भविष्य

Teachers Day: शिक्षक हमारे जीवन में वह इकलौते लोग होते हैं, जो स्वयं से ज्यादा अपने छात्रों की सफलता की कामना करते हैं। आज के दिन पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। इस अवसर पर आज हम बात कर रहे हैं देश के कुछ ऐसे शिक्षकों की, जिन्होंने जरूरतमंद और वंचित बच्चों का हाथ थामा और उन्हें नई उम्मीद दी। ये शिक्षक दूरस्थ इलाकों में शिक्षा पहुंचा रहे हैं और बच्चों को जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं।

आदित्य केवी
आदित्य केवी ने अपने एनजीओ ‘उमोया स्पोर्ट्स’ के माध्यम से शारीरिक और बौद्धिक दिव्यांग बच्चों को खेल और फिजिकल एक्टिविटी के जरिए नई उम्मीद दी है। उनकी संस्था ने अब तक 1250 से अधिक बच्चों के जीवन में बदलाव लाया है। उन्होंने मुंबई के पवई नगर पालिका स्कूल में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत की और देखा कि दिव्यांग बच्चों के सामने कई चुनौतियां हैं। खेल के माध्यम से उन्होंने बच्चों की आत्मविश्वास और शारीरिक क्षमता को बढ़ाया।

संगीता सोहनी
मुंबई की शिक्षिका संगीता सोहनी ने केमिस्ट्री जैसे कठिन विषय को रोचक और आसान बनाने के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया है। वह रंगीन गेंद, चूड़ियां, गुब्बारे और रिंग्स जैसी वस्तुओं का उपयोग करके बच्चों को केमिस्ट्री पढ़ाती हैं, जिससे बच्चे इस विषय को आसानी से समझ पाते हैं। उनके इस रचनात्मक तरीके के कारण उन्हें 2020 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

लमा थुप्तेन फुंट्सोक
अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थित मंजुश्री विद्यापीठ के संस्थापक लामा थुप्तेन फुंट्सोक 300 अनाथ बच्चों को शिक्षा और जीवन कौशल सिखा रहे हैं। यह स्कूल न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि इन बच्चों का घर भी है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन कौशल की शिक्षा दी जाती है, ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। मंजुश्री विद्यापीठ से निकले बच्चे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर और आईएएस अधिकारी बन चुके हैं।

अर्चना नूगरी
तेलंगाना के मंचेरियल जिले में सरकारी स्कूल की हेडमास्टर अर्चना नूगरी ने ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए अपने खर्चे पर एक ऑटो व्यवस्था की। यह ऑटो छात्रों को रोज स्कूल लाने और छोड़ने का काम करता है। इस पहल के कारण स्कूल में दाखिले 7 गुना बढ़ गए और अब 275 बच्चे, जिनमें 103 लड़कियां शामिल हैं, नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं। उन्हें उनके इस प्रयास के लिए 5 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ये शिक्षक अपने समर्पण और निष्ठा से न केवल शिक्षा का प्रसार कर रहे हैं, बल्कि वंचित और जरूरतमंद बच्चों के जीवन को भी सकारात्मक दिशा दे रहे हैं।