उत्तराखंड सरकार ने आज राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता (UCC) का ड्राफ्ट पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बिल में सभी धर्मों और सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। UCC पर ड्राफ्ट लाने वाला यह पहला राज्य है। अब राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
इस ड्राफ्ट को लेकर एक एक्सपर्ट पैनल ने पहले विधेयक के लिए सजेशन्स दिए थे, जिसका उद्देश्य “विवाह और तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और उससे संबंधित मामलों से संबंधित कानूनों को नियंत्रित और विनियमित करना है। कहा जा रहा है कि ड्राफ्ट में 400 से ज्यादा धाराएं हैं, जिनका मकसद पारंपरिक रीति-रिवाजों से पैदा होने वाली विसंगतियों को दूर करना है।
जानें क्या है UCC
दरअसल (UCC) समान नागरिक संहिता का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
इस लेख में हम आपको बताएंगे की UCC के अंदर कौनसे क़ानून बन रहे हैं।
- बहुविवाह पर लगेगी रोक
हर धर्म में विवाह करने के अलग-अलग नियम हैं। मुसलमानों में बहुविवाह करने की अनुमति है जबकि हिन्दू, ईसाई धर्म में नहीं है। समान नागरिक संहिता (UCC) के लागू होने के बाद बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लगेगी।
2. तलाक लेने की प्रक्रिया
पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। लाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा।
3. लड़कियों की शादी के लिए अब उम्र 21 साल
कोई धर्म में लड़कियों की शादी की उम्र निश्चित होती है तो कोई धर्म में नहीं होती। कभी-कभी छोटी उम्र में ही लड़कियों की शादी हो जाती है। कानून बनने के बाद युवतियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल तय की जाएगी।
4. बिना रजिस्ट्रेशन, लिव इन रिलेशन में रहने पर अब होगी जेल
अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। UCC लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप का पोर्टल बनने के बाद उसपे रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। रजिस्ट्रेशन न कराने पर कपल को छह महीने का कारावास और 25 हजार का दंड या दोनों हो सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के तौर पर जो रसीद युगल को मिलेगी उसी के आधार पर उन्हें किराए पर घर, हॉस्टल या पीजी मिल सकेगा। पंजीकरण कराने वाले कपल की लिस्ट रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी।
5. गोद लेने का नियम बदलेगा
कानून लागू होने के बाद राज्य में मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा। गोद लेने की प्रक्रिया आसान होगी।
6. विवाह पंजीकरण कराना होगा जरूरी
UCC आने के बाद विवाह का पंजीकरण करना ज़रूरी होगा। अगर पंजीकरण नहीं करवाया तो सरकारी सुविधाओं से वंचित भी रहा जा सकता है।
7. उत्तराधिकार की प्रक्रिया होगी सरल
UCC लागू होने के बाद बेटियों को भी संपत्ति में समान हिस्सा मिलेगा। और इसके बाद उत्तराधिकार की प्रक्रिया भी सरल बन जाएगी।
8. बुजुर्ग मां-बाप के भरण-पोषण की पत्नी पर होगी जिम्मेदारी
कानून लागू होने के बाद पति की मौत की स्थिति में बुजुर्ग मां-बाप के भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी पत्नी की होगी। उसे मुआवजा भी मिलेगा। इसके बाद यदि पत्नी दोबारा विवाह करती है तो उसे मिला हुआ मुआवजा मां-बाप के साथ साझा किया जाएगा।
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