हालही में कर्नाटक में एक बिल पास होने के कारण बवाल मच गया है। कर्नाटक में उस बिल को लेकर राजनीतिक बवाल मच गया है, जो राज्य सरकार को मंदिरों से अपने राजस्व का एक हिस्सा वसूलने की अनुमति देता है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य विधानसभा में ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थाएं और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 (Karnataka Hindu Religious Institutions and Charitable Endowments Bill 2024)’ बिल पास किया है जिसके तहत सरकार को उन मंदिरों से 10 प्रतिशत राजस्व इकट्ठा करने का आदेश दिया गया है जिनका राजस्व 1 करोड़ रुपये से अधिक है और 5 प्रतिशत हिस्सा उन मंदिरों से एकत्र करना है जिनका राजस्व 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच है।
इस बिल ने एक बार फिर Congress और BJP के बीच जंग छेड़ दी है। BJP ने Congress पर गंभीर आरोप लगते हुए उन्हें “हिन्दू विरोधी” बताया है। लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “यह प्रावधान नया नहीं था बल्कि 2001 से अस्तित्व में है, और केवल स्लैब को समायोजित किया गया है।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने खाली खजाने को भरने के लिए विधेयक पारित किया है। उन्होंने X पर भी पोस्ट करते हुए इनके खिलाफ लिखा था। उन्होंने सवाल उठाये हैं कि सिर्फ हिन्दू मंदिरों से ही क्यों टैक्स लिया जा रहा है, और किसी धार्मिक स्थान से क्यों नहीं लिया जा रहा।
बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता और कर्नाटक सरकार के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने बीजेपी पर लगातार धार्मिक राजनीति में लगे रहने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक के लोग भाजपा की रणनीति से अवगत हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में वे संभवत: उन्हें सबक सिखाएंगे।
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