स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा अपने विवादित बयानों को लेकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहकर संबोधित किया, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। अब इस विवाद पर एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया सामने आई है।
“हम व्यंग्य समझते हैं, लेकिन इसकी भी एक सीमा होनी चाहिए” – शिंदे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, हम व्यंग्य समझते हैं, लेकिन हर चीज की एक मर्यादा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने की ‘सुपारी’ लेने जैसा है।”
शिंदे ने आगे कहा, “यही व्यक्ति पहले भी भारत की सर्वोच्च अदालत, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर भी टिप्पणी कर चुका है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि किसी के इशारे पर काम करने जैसा है।”
“हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है”
इस पूरे विवाद पर अपनी बात रखते हुए शिंदे ने यह भी कहा, “कुणाल कामरा की टिप्पणी के विरोध में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के स्टूडियो में जो तोड़फोड़ की, मैं उसका समर्थन नहीं करता, लेकिन हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।”
क्या है पूरा मामला?
अपने बेबाक अंदाज और हाज़िरजवाबी के लिए मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूट्यूब चैनल पर महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर एक वीडियो अपलोड किया था।
इस वीडियो में उन्होंने बिना नाम लिए ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने की पैरोडी बनाकर कटाक्ष किया। इस वीडियो में उन्होंने शिंदे को ‘गद्दार’ कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया और विवाद शुरू हो गया।
कुणाल कामरा के खिलाफ FIR दर्ज
इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं ने नाराजगी जताते हुए रविवार को मुंबई के खार इलाके में स्थित स्टूडियो में तोड़फोड़ की। शिवसैनिकों का दावा है कि यह वीडियो इसी स्टूडियो में शूट किया गया था।
इसी बीच, शिंदे गुट के विधायक मुरारजी पटेल की शिकायत पर MIDC पुलिस स्टेशन में कुणाल कामरा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कुणाल कामरा ने इस विवाद पर स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में माफी नहीं मांगेंगे, लेकिन कानूनी प्रक्रिया और अदालत के आदेश का पालन करेंगे।
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