CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Wednesday, November 20   3:31:47
Pairing practice

तस्वीर सौजन्य News18 Hindi

सांझे चूल्हे को बरकरार रखने साझेदारी में बंट जाती है पत्नि, जोड़ीदारां प्रथा

बहु पतित्व प्रथा आज भी देश के कई क्षेत्रों में रितिरिवाज, और पांडवों के वंशज होने की मान्यता के चलते चली आ रही है।

महाभारत की कथा अनुसार जब स्वयंवर में मत्स्यवेध कर अर्जुन ने द्रौपदी से शादी की, और घर आए तो माता कुंती से कहा कि देखो मां हम क्या लाए है। तो कुंती ने बिना कुछ देखे कह दिया कि आपस में बांट लो। कहा जाता है कि तब से द्रौपदी पांच पांडवों के बीच बंटी, और पांचों भाईयो की पत्नी के रूप में जीवन बिताया। यू देखा जाए तो ये एक गलती से कही गई बात थी, जिसे आज भी भारत के उत्तराखंड समेत कई हिस्सों में माना जाता है। यह प्रथा टोडा, जौनसारी, बावर, किन्नौर,दक्षिण भारत के नीलगिरी टोडास, त्रावनकोर के नंदनद वेल्लाला,हरियाणा के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में इसे जोड़ीदारां प्रथा आज भी चल रही है। एक लड़की की शादी अगर घर के बड़े बेटे से होती है,तो घर आने के साथ ही घर के सभी बेटे इस दुल्हन की साझेदारी करते है।और भाईयो की पारी रख दी जाती है।घर का सारा काम,सभी भाइयों की जिम्मेदारी,हरेक का ख्याल रखना सभी कुछ एक ही स्त्री पर आ जाता है। ऐसे में थकान होना स्वाभाविक ही है,फिर भी जिस भाई की पारी हो वह अपना मर्दाना हक लेता ही है। अगर कोई भाई समझदार हो तो बात अलग है।सभी भाई एक पत्नी की जरूरतों का खूब ध्यान रखते है।इस बहु पतित्व के चलते हुए बच्चो का पिता कौन है, यह पता नही चलता।इसलिए बच्चो को सभी पिता का प्यार देते है।बड़े बेटे के साथ हुई शादी के कारण उसके हिस्से शादी और बाकी भाईयो से एकाद बच्चा ज्यादा आता है।

मूलतः इस प्रथा के पीछे का आशय है जमीन जायदाद न बंटे।

“जोड़ीदारां”सांझे चूल्हे के लिए साझेदारी में बंट जाती है।शादी तो बड़े भाई से होती है,पर कई भाईयो के बीच के बंट जाती है।यहां की हर लड़की इस बात को जानती है कि उसे बंटना होगा।

1956 में पारित हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत बहु पतित्व या बहु पत्नित्व अवैध पर फिर भी आर्थिक समतुला बनाए रखने केलिए आज भी यह प्रथा चल रही है।और इस प्रथा से ले किसीको कोई ऐतराज नहीं है।