भारत इन दिनों मौसम के अजीबो-गरीब मिजाज का सामना कर रहा है। एक ओर देश के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में गर्मी कहर बनकर टूट रही है, तो दूसरी ओर उत्तर-पूर्वी राज्यों में बारिश और तूफानों ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने सात राज्यों में हीटवेव और 20 राज्यों में आंधी-बारिश की चेतावनी जारी की है।
गर्मी का तांडव: चंद्रपुर बना देश का ‘हॉटस्पॉट’
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में पारा 45.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो लगातार दूसरे दिन देश का सबसे गर्म स्थान बना। वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
मध्य प्रदेश के सीधी में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि राज्य के 27 शहरों में पारा 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया। राजस्थान के बीकानेर और कोटा जैसे शहरों में सड़कों पर सन्नाटा पसरा है, लोग दोपहर में घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं।
स्कूलों के समय में बदलाव: बच्चों को राहत देने की कोशिश
हीटवेव को देखते हुए राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। जयपुर, कोटा, बीकानेर और चित्तौड़गढ़ में स्कूल अब सुबह 7 से 11 बजे तक चलेंगे, ताकि बच्चे गर्मी से बच सकें।
छत्तीसगढ़ और हरियाणा भी चपेट में
छत्तीसगढ़ के सरगुजा, रायपुर और बिलासपुर समेत कई जिलों में अगले चार दिनों तक हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा के 13 जिलों में मौसम शुष्क बना हुआ है और तापमान सामान्य से करीब दो डिग्री अधिक दर्ज किया जा रहा है।
उत्तर-पूर्व में बारिश का कहर: त्रिपुरा में 445 घर क्षतिग्रस्त
जहां एक ओर देश के कुछ हिस्से आग की तरह तप रहे हैं, वहीं उत्तर-पूर्व में बारिश और तूफान से तबाही मची है। त्रिपुरा में रविवार और सोमवार की रात को आई तेज़ बारिश और आंधी ने 445 घरों को नुकसान पहुंचाया। गोमती जिले में दो लोग घायल भी हुए हैं।
हिमालयी राज्यों का बदला मिजाज
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी के बीच केवल कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई। किन्नौर और लाहौल-स्पीति की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है। जम्मू-कश्मीर के जोजिला पास पर भूस्खलन की वजह से श्रीनगर-सोनमर्ग सड़क बंद हो गई है।
जलवायु बदलाव की चेतावनी है यह मौसम
भारत का यह मौसम किसी सामान्य गर्मी-बरसात का नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर चेतावनी है। एक ही देश में इतनी तीव्र गर्मी और भयंकर बारिश का एक साथ आना, मौसम के असंतुलन का प्रतीक है। यह समय है जब हम केवल गर्मी से राहत के उपाय ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान की ओर कदम बढ़ाएं। बढ़ते तापमान, सूखते जल स्रोत और बाढ़-सूखे की दोहरी मार—ये सब हमें सिखा रहे हैं कि पर्यावरण की उपेक्षा अब और नहीं झेली जा सकती।

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