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Arakshan

स्थानीय स्वशासन निकायों में अब ओबीसी को 27% आरक्षण, SC-ST सीटों में कोई बदलाव नहीं

आज गांधीनगर में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें ज्वैलरी कमीशन की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट जारी होने के बाद संभावना है कि भविष्य में स्थानीय स्वशासन चुनावों की घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा सरकार ने एक ओबीसी आरक्षण रिपोर्ट भी जारी कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार अब 27 फीसदी सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित कर दी गई हैं, जबकि एसटी सीटें पहले जैसी ही रखी जाएंगी। भाजपा का मानना ​​है कि हमने 10 प्रतिशत में से 27 प्रतिशत आरक्षित कर लिया है। वहीं कांग्रेस का मानना ​​है कि ये हमारे संघर्ष की जीत है।

बिगड़ सकता है संतुलन

सामाजिक पैटर्न पर नजर डालें तो जहां ओबीसी समुदाय की आबादी ज्यादा है वहां 27 फीसदी और जहां आबादी कम है वहां भी 27 फीसदी आरक्षण लागू होगा। ऐसे में सामाजिक अन्याय होने की पूरी संभावना है। उदाहरण के लिए, बनासकांठा में ओबीसी आबादी 70 प्रतिशत है, तो केवल 27 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, और भरूच में ओबीसी आबादी 5 प्रतिशत है, तो वहां भी 27 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। ऐसे में संतुलन बिगड़ सकता है।

इस संबंध में कैबिनेट मंत्री ऋषिकेष पटेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आयोग का गठन हो चुका है। सिफ़ारिशों के आधार पर स्थानीय स्वशासन के लिए संस्थागत आरक्षण दिया गया है। इसमें यह ध्यान रखा गया है कि यह कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो। झवेरी आयोग का गठन 2022 में किया गया था और इसकी रिपोर्ट 2023 में प्राप्त हुई और 3 महीने में इस सिफारिश का अध्ययन करने के बाद स्थानीय स्व-सरकारी निकायों में आरक्षण के संबंध में निर्णय लिया गया है। अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की गई है, यानी एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की गई है।

9 जिलों और 61 तालुकाओं में जनजातीय आबादी अधिक है

उन्होंने आगे कहा कि 9 जिलों और 61 तालुकाओं में आदिवासी आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है। इस क्षेत्र में आबादी के हिसाब से सीटों का आवंटन किया जाएगा। ओबीसी को 10 सीटें देना जारी रहेगा। यदि 25 से 50 फीसदी आबादी है तो नियम के मुताबिक सीटें देने का मतलब है कि ओबीसी की सीटें कम हो जाएंगी, ऐसे में सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण रखा है। अध्ययन करने के बाद देखा जाएगा कि 27 प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक नहीं है। हम शेष अंतर देते हैं। कुल सीटों में से 50 फीसदी यानी 27 फीसदी सीटें आरक्षित हैं।