इजरायल पर हमास आतंकवाद संगठन के हमले के बाद यहूदी समुदाय लैम लाइट में आ गया है। इजरायल में सबसे ज्यादा यहूदी धर्म मानने वाले लोग बसे हैं। यह धर्म 4 हजार साल पुराना है जो दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इस धर्म से ही इस्लाम और ईसाई धर्म की उत्पत्ती हुई है। इनकी आबादी कम है, लेकिन इस समुदाय के लोग भारत सहित दुनिया के कई देशों में बसे हुए हैं।
इस स्टोरी में हम भारत में रह रहे यहूदी समुदाय की बात करेंगे। भारत में इनकी तादाद एक वक्त काफी ज्यादा थी, लेकिन वक्त बीतते-बीतते इनमें कमी आती गई। साल 1948 में जब इजरायल की स्थापना हुई उस वक्त भारत में इस समुदाय की आबादी लगभग 30 हजार थी। इनमें से लगभग 20 हजार लोग इजरायल और कुछ दूसरे देशों में वापस चले गए।
भारत में सबसे ज्यादा यहूदी कहां?
सरकारी आंकड़ों की माने तो भारत में यहूदी समुदाय की आबादी लगभग 7 से 8 हजार के करीब मानी जाती है। इसमें भी सबसे ज्यादा यहूदी महाराष्ट्र के मुंबई में रहते हैं। मुंबई के अलावा भारत के दूसरे स्थानों जैसे कलकत्ता, दिल्ली, कोचिन, पुणें के कुछ गांवों में रहते हैं। भारत में यहूदियों के साथ किसी भी प्रकार का भेद-भाव नहीं किया जाता। उन्हें वे सारे अधिकार दिए गए हैं जो दूसरे अल्पसंख्यक समूदायों को दिए गए हैं। सभी लोग उनके साथ घुल मिलकर रहते हैं।
विश्व में यहूदियों की आबादी
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यु के अनुसार दुनिया में सबसे अधिक ईसाई धर्म के अनुयायी बसे हुए हैं। दूसरा स्थान इस्लाम को और तीसरा हिंदू धर्म को मिला है। दुनिया में यहूदी समुदाय 7वें स्थान पर आती है। 2020 के अनुमान के मुताबिक दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले 238 करोड़ हैं। वहीं इस्लामिक धर्म के अनुयायी 191 करोड़ और हिंदू धर्म को मानने वाले 116 करोड़ हैं। इसके अलावा बौद्ध 50.7 करोड़, यहूदी 1.46 करोड़ और अन्य धर्मों की संख्या 6.1 करोड़ है।
यहूदियों का इतिहास
मान्यता है कि यहूदी धर्म का उदय पैगंबर अब्राहम से हुआ है, जो ईसा से 2000 साल पहले हुए थे। पैगंबर अब्राहम की दो बीवियों से दो बेटे थे। हजरत इसहाक और हजरत इस्माइल। पैगंबर को एक पोता भी था जिसका नाम हजरत याकूब था। कहा जाता है कि याकूब ने ही यहूदियों की 12 जातियों को मिलाकर इजरायल बनाया था। इसलिए याकूब का दूसरा नाम इजरायल था।
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