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“इस रिश्ते का अंत मैंने नहीं, परवीन ने किया था”, कबीर बेदी ने किया अपनी अधूरी कहानी का खुलासा

80 के दशक की मशहूर अदाकारा परवीन बाबी और अभिनेता कबीर बेदी का रिश्ता उन दिनों चर्चा का बड़ा विषय था। हिंदी सिनेमा में परवीन बाबी जैसी बोल्ड और आत्मनिर्भर महिला शायद ही पहले कभी देखी गई हो। वह अपने समय की ट्रेंडसेटर थीं, जिन्होंने न सिर्फ अपने अभिनय, बल्कि अपने निजी जीवन के फैसलों से भी समाज की पारंपरिक सोच को चुनौती दी।

कबीर बेदी और परवीन बाबी का रिश्ता इस बात का प्रमाण था कि प्यार पर कोई नियम लागू नहीं होता। शादी के बाद भी कबीर बेदी के टूटे दिल को सहारा देने वाली परवीन, उनके जीवन का अहम हिस्सा बन गई थीं। लेकिन, यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चल सका, और दोनों अपने-अपने रास्ते अलग हो गए।

कबीर का खुलासा: परवीन ने रिश्ता क्यों तोड़ा?

हाल ही में एक इंटरव्यू में कबीर बेदी ने पहली बार खुलकर अपने और परवीन बाबी के रिश्ते पर बात की। उन्होंने बताया, “इस रिश्ते का अंत मैंने नहीं, परवीन ने किया था। वह मानसिक रूप से परेशान थीं, और जब मैंने उन पर इलाज कराने का दबाव डाला, तो उन्होंने मुझसे दूरी बना ली।”

कबीर के मुताबिक, जब उनका मशहूर शो सैंडोकन इटली में रिलीज हुआ, तब परवीन उनके साथ थीं। दोनों ने साथ मिलकर उस सफलता का जश्न मनाया। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, कबीर ने परवीन की बिगड़ती मानसिक स्थिति को महसूस किया।

इटली से लंदन तक का सफर और रिश्ता खत्म होने की वजह

कबीर ने आगे बताया, “इटली के बाद हम लंदन आए। वहां मैंने देखा कि परवीन की मानसिक स्थिति और बिगड़ने लगी थी। मुझे पता था कि अगर उसे इलाज नहीं मिला, तो स्थिति और खराब हो जाएगी। मैंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरी बात को गलत समझा।”

परवीन बाबी ने डर के कारण कबीर से दूरी बना ली। “एक विक्षिप्त मन हर चीज से डरता है,” कबीर कहते हैं। “उन्हें लगता था कि अगर इंडस्ट्री को उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पता चला, तो उनका करियर खत्म हो जाएगा।”

एक अधूरी दास्तां, जो रह गई यादों में

परवीन बाबी और कबीर बेदी का रिश्ता भले ही अधूरा रह गया हो, लेकिन यह उन भावनाओं और संघर्षों की कहानी है, जो हर इंसान कभी न कभी झेलता है। परवीन बाबी ने अपने समय की रूढ़ियों को चुनौती दी, लेकिन उनके निजी संघर्ष अक्सर उनकी चमकती सफलता के पीछे छिप गए।

आज, उनके और कबीर बेदी के रिश्ते को याद करना सिर्फ दो सितारों के प्यार की कहानी सुनना नहीं है, बल्कि उन जटिलताओं को समझना है, जो हर चमकदार जिंदगी के पीछे छुपी होती हैं।