No Detention Policy: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया है। अब, पांचवीं और आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में असफल होने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा। हालांकि, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा जिससे वह उसी कक्षा को पास कर सकें। इस नई नीति का उद्देश्य छात्रों की सीखने की क्षमता और शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाना है।
नई नीति के अनुसार, पांचवीं और आठवीं कक्षा में असफल रहने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर फिर से परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। यदि वे इस परीक्षा में भी पास नहीं होते हैं, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आठवीं कक्षा तक किसी भी छात्र को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने कहा कि छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। उनका मानना है कि यह निर्णय छात्रों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा और उनके समग्र विकास में योगदान देगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
वर्षों से यह चर्चा चल रही थी कि ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ छात्रों के प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है। यह देखा गया कि कुछ छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि और समझ की कमी हो रही है। इसीलिए, इस नीति को समाप्त कर, नई व्यवस्था लागू की गई है। इस कदम से उम्मीद है कि शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और छात्रों के सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनेगी।

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