हर साल 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है, जो हमें वन के महत्व को समझने और उनके संरक्षण की प्रेरणा देता है। इस साल 2025 की थीम “वन और खाद्य” है, जो यह दर्शाती है कि हमारे जीवन में वन की भूमिका सिर्फ पर्यावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वे हमारे भोजन और आजीविका का भी आधार हैं।
क्यों मनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 21 मार्च को विषुव (Equinox) होता है, जब दिन और रात बराबर होते हैं। यह प्राकृतिक संतुलन का प्रतीक है, जो वन की भूमिका को और भी खास बनाता है। पहला अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2013 में मनाया गया था और तब से यह हर साल वन के महत्व को रेखांकित करता है।
वन: जीवन की आधारशिला
- प्राणवायु का स्रोत: वन को धरती के फेफड़े कहा जाता है, क्योंकि वे ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं।
- जलवायु संतुलन: वे ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं।
- जैव विविधता का घर: वन में दुनिया की 80% स्थलीय प्रजातियां निवास करती हैं।
- आजीविका का आधार: लाखों लोगों की आजीविका वन पर निर्भर करती है, खासकर ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की।
- खाद्य सुरक्षा में योगदान: वन से मिलने वाले फल, मेवे, शहद और जड़ी-बूटियां पोषण का अहम स्रोत हैं।
वन का संरक्षण क्यों जरूरी है?
आज तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण वन की कटाई बढ़ती जा रही है। इससे न केवल जैव विविधता को खतरा है, बल्कि जलवायु परिवर्तन भी गंभीर होता जा रहा है। यदि वन को संरक्षित नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ हवा, पानी और पोषण से वंचित रहना पड़ सकता है।
क्या कर सकते हैं हम?
- वृक्षारोपण करें: हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।
- वन का सतत उपयोग करें: वन से मिलने वाले संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें।
- स्थानीय समुदायों को समर्थन दें: जो लोग वन पर निर्भर हैं, उन्हें सशक्त बनाएं।
- जागरूकता फैलाएं: वन के महत्व पर लोगों को शिक्षित करें।
वन केवल पेड़ों का समूह नहीं हैं, वे जीवन का आधार हैं। इनके बिना स्वच्छ हवा, पानी और भोजन की कल्पना असंभव है। हमें वन की रक्षा के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर प्रयास करने होंगे। वृक्षारोपण, पुनर्वनीकरण और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उपहार भी है।
इस अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर आइए, हम सभी वन को बचाने और उनके सतत विकास में योगदान देने का संकल्प लें। वन हैं, तो हम हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है।

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