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Friday, May 2   6:05:06

विकास के मंच पर उठी इंसाफ की पुकार ; CM समक्ष फूट पड़ा हरणी बोट कांड पीड़ितों का रोष

वडोदरा में शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल विकास कार्यों के लोकार्पण और निरीक्षण हेतु पहुंचे थे। उनका दौरा मुख्य रूप से पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगरगृह में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए था, जहाँ उन्होंने ₹1156 करोड़ की लागत वाले कुल 85 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विश्वामित्री नदी परियोजना की समीक्षा बैठक भी सर्किट हाउस में की और नदी किनारे चल रहे कार्यों का स्थल निरीक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री की इस यात्रा का उद्देश्य वडोदरा शहर में चल रहे प्रमुख शहरी विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा और नई परियोजनाओं का शुभारंभ था। लेकिन इस भव्य सरकारी कार्यक्रम के बीच एक भावुक और झकझोर देने वाला क्षण सामने आया, जिसने पूरे आयोजन का ध्यान खींच लिया।

बेटी खोने के 469 दिन बाद न्याय की गुहार

कार्यक्रम के दौरान हरनी बोटकांड में अपनी बेटियों को खो चुकीं संध्या निज़ामा और सरला शिंदे नामक दो मांओं ने अचानक मंच के सामने खड़े होकर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, “हम डेढ़ साल से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई हमारी बात नहीं सुनता।”

इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप लोग किसी एजेंडा के साथ, पहले से योजना बनाकर आई हैं। मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिलिए, मैं मिलने को तैयार हूं। सोमवार को आइए, आज भी मिल सकता हूं।”

हंगामे के बाद फौरन महिलाओं वहां से हटाने की कोशिश की गई लेकिन महिलाएं वहां से नहीं हटी।जिसके बाद उनके आसपास पुलिस पहरा तैनात कर दिया गया। मुख्यमंत्री की स्पीच खत्म होते ही महिलाओं ने फिर से उनसे मिलने की जिद की जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री से मिलवाया गया इस दौरान मौके पर घर्षण जैसा माहौल देखने मिला।

हरनी बोट कांड के पीड़ित कल्पेश निजामा और पंकज शिंदे को भी पुलिसने हिरासत में ले लिया। इस दौरान पत्रकारों के साथ भी पुलिस का घर्षण देखने मिला।पत्रकारों को पुलिस ने घटना का कवरेज करने से रोकने का भरपूर प्रयास किया।

विकास कार्यों की झलक

मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल नगरगृह में आयोजित कार्यक्रम में 94.27 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हुए 24 कार्यों का लोकार्पण और 801.64 करोड़ रुपए के 61 कार्यों का ई-शिलान्यास किया।
इन कार्यों में शामिल हैं:

  • वर्षा जल निकासी परियोजनाएं

  • सड़क निर्माण प्रोजेक्ट

  • जल आपूर्ति कार्य

  • ब्रिज और भवन निर्माण

  • फ्यूचर प्लानिंग से जुड़े कार्य

इससे पहले, सर्किट हाउस में विश्वामित्री नदी परियोजना की समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर, म्युनिसिपल कमिश्नर, मेयर, सांसद और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि इस परियोजना का पहला चरण 10 जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

“विश्वामित्री बचाओ समिति” की चेतावनी

CM के निरीक्षण से पहले, पर्यावरण संगठन “विश्वामित्री बचाओ समिति” के संयोजक प्रणव अमीन ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा। पत्र में कहा गया कि निरीक्षण स्थल से 200 मीटर की दूरी पर अवैध अतिक्रमण हुआ है और ड्रेनेज का गंदा पानी सीधा नदी में डाला जा रहा है।

उन्होंने मांग की कि अगोरा सिटी सेंटर द्वारा किए गए 80,000 वर्गफुट अतिक्रमण को हटाया जाए। साथ ही, उन्होंने प्रमाण सहित दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी जिससे यह साबित किया जा सके कि अतिक्रमण सरकारी जमीन पर किया गया है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का दौरा जहां एक ओर वडोदरा के विकास की योजनाओं का प्रतीक बना, वहीं दूसरी ओर हरनी बोटकांड की पीड़ित मांओं की अनदेखी और पुलिसि कार्रवाई ने इस कार्यक्रम की संवेदनशीलता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।

जब एक मां अपनी बेटी के लिए न्याय की पुकार लगाए और उसे “एजेंडा” कहकर खारिज किया जाए, तो यह सवाल उठता है — क्या विकास का अर्थ केवल सड़कें और इमारतें हैं, या उसमें इंसानियत और न्याय भी शामिल है?