अहमदाबाद, 29 अप्रैल 2025
गुजरात के इतिहास का सबसे बड़ा डिमोलिशन ड्राइव आज अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र में देखने को मिला, जहां अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने पुलिस और क्राइम ब्रांच के सहयोग से अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी बस्तियों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया। ‘ऑपरेशन क्लीन’ नाम से चलाए जा रहे इस विशेष अभियान ने न सिर्फ शहर को झुग्गी-झोपड़ियों से मुक्त करने की दिशा में कदम उठाया, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी दिया।
AMC की इस कार्रवाई को राज्य सरकार के गृह मंत्रालय का पूरा समर्थन प्राप्त है। चंदोला झील के पास बीते कई वर्षों से अवैध रूप से बसाए गए बांग्लादेशी नागरिकों की बस्तियों को पहले चिन्हित किया गया और फिर उन्हें ध्वस्त किया गया। कार्रवाई से एक दिन पहले ही इन बस्तियों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए थे, ताकि कोई अवांछित गतिविधि न हो सके।
कार्रवाई का भव्य पैमाना
इस ऐतिहासिक डिमोलिशन ड्राइव के लिए लगभग 80 बुलडोजर, 60 डंपर, और 2000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। पूरे इलाके पर ड्रोन कैमरों के माध्यम से नजर रखी जा रही थी। AMC के सभी सातों ज़ोन के अधिकारी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग विभाग भी इस मेगा ऑपरेशन का हिस्सा थे।
लल्लू बिहारी का पर्दाफाश
इस अभियान में अहम कड़ी के रूप में सामने आया चंदोला इलाके का कुख्यात नाम लल्लू बिहारी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, लल्लू बिहारी ने न सिर्फ अवैध फार्महाउस बनवाया था, बल्कि उसने CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमला भी किया था। करीब 2000 वर्गगज में फैले उसके फार्महाउस को भी गिराने की तैयारी चल रही है। फार्महाउस को एक रिसॉर्ट के रूप में विकसित किया गया था, जिसमें स्विमिंग पूल और पार्टी के लिए स्थान बनाया गया था। यहां कई अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को शरण दी गई थी।
कानूनी कार्रवाई और FIR
पुलिस कमिश्नर ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि लल्लू बिहारी और उसके सहयोगियों पर फर्जी रेंट एग्रीमेंट, अवैध आधार कार्ड बनवाने जैसे गंभीर आरोपों में FIR दर्ज की गई है। जॉइंट सीपी शरद सिंघल ने भी पुष्टि की कि क्राइम ब्रांच की टीम ने फार्महाउस से संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं।
न्यायपालिका की मुहर
अहमदाबाद हाईकोर्ट में इस कार्रवाई को रोकने के लिए दायर याचिका को भी खारिज कर दिया गया है, जिससे AMC को कानूनी बल भी प्राप्त हो गया है। अब यह स्पष्ट है कि यह अभियान बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ेगा।
इस पूरे घटनाक्रम को देखकर यही कहा जा सकता है कि ‘ऑपरेशन क्लीन’ केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि सरकार की इच्छाशक्ति का प्रदर्शन है। यह कदम न केवल शहर की सुरक्षा और स्वच्छता के लिहाज से जरूरी था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि भारत में अवैध घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, प्रशासन को इस दौरान यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष और दस्तावेजी नागरिकों के साथ कोई अन्याय न हो।

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